राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा, आगजनी और पथराव की अफवाहों के बीच रविवार को 1,880 तनावग्रस्त लोगों ने मदद मांगने के लिये दिल्ली पुलिस को फोन किए और वहीं अफवाह फैलाने के सिलसिले में 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने एक बयान में कहा कि पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को पश्चिम दिल्ली से 481, दक्षिण पूर्वी दिल्ली से 413, द्वारका से 310 और दक्षिण दिल्ली से 127 फोन आए. वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली से केवल दो फोन ही आए.
बाहरी दिल्ली से 222, रोहिणी से 168, उत्तरी दिल्ली के बाहरी इलाकों से 22, उत्तर पश्चिम दिल्ली से 54, मध्य दिल्ली से 35, उत्तर दिल्ली और पूर्वी दिल्ली से छह-छह फोन आए. वहीं दक्षिण पश्चिम दिल्ली से 30 फोन आए. दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी एम. एस. रंधावा ने कहा कि रविवार को शाम सात बजे से रात नौ बजे के बीच ये सभी फोन आए. इससे पहले पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 3,000 से अधिक फोन आने की जानकारी दी थी.
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दिल्ली दंगों में गई थी 42 लोगों की जान
इस बीच, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में हिंसा के संबंध में अफवाह फैलाने के आरोप में 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गौरतलब है कि हिंसा के बारे में अफवाह फैलने के बाद रविवार शाम दिल्ली के कुछ हिस्सों में लोगों के बीच दहशत पैदा हो गयी थी. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में कम से कम 42 लोगों की जान जाने के कुछ दिन बाद ये अफवाहें फैली. रविवार को अफवाह फैलने के बाद पुलिस अधिकारियों को खुद मौके पर पहुंच स्थिति नियंत्रण में करनी पड़ी और सोशल मीडिया पर भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की गई.
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7 मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद किए गए थे
दिल्ली मेट्रो नगर निगम ने भी बिना कोई वजह बताए सात मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए थे. हालांकि बाद में सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार खोल दिए गए थे. दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया था, ‘दक्षिण-पूर्वी और पश्चिम जिले में तनाव की निराधार खबरें सोशल मीडिया पर प्रसारित की गयी. यह दोहराना चाहेंगे कि यह महज अफवाहें हैं. ऐसी अफवाहों पर ध्यान ना दें.’ पुलिस ने कहा कि वे अफवाह और झूठी खबरें फैलाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रख रहे हैं और इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.