देश भर में दुर्गा पूजा की धूम है. इस बार 8 अक्टूबर यानी मंगलवार को दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन असत्य पर सत्य की जीत होती है. नवरात्रि के नौ दिन बाद दशमी तिथि को भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था. इसके बाद माता सीता को उसके चंगुल से छुड़ाया था. इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन देश भर में जगह-जगह रावण का पुतला जलाया जाता है. साथ ही उसके भाई कुंभकरण और बेटे मेघनाद का भी पुतला जलाया जाता है. इस दिन को विजयादशमी के भी नाम से जाना जाता है. भगवान राम और रावण के बीच युद्ध में रावण के भाई विभिषण को छोड़ सभी परिवार वालों की मृत्यु हुई थी. लेकिन बहुत कम लोगों को ही उसके पूरे परिवार के बारे में पता है. विजयदशमी के खास अवसर पर आपको रावण के पूरे परिवार के बारे में बताते हैं.
रावण के दादा-दादी
रावण के दादा का नाम महर्षि पुलस्त्य था. वे ब्रह्मा के पुत्र थे. हविर्भुवा रावण की दादी थी.
रावण के माता-पिता
रावण के पिता का नाम ऋषि विश्वश्रवा था. उसकी माता का नाम कैकसी थी. कैकसी ऋषि विश्वश्रवा की दूसरी पत्नी थीं. ऋषि विश्वश्रवा की पहली पत्नी इलाविडा थी, जिनसे रावण से पहले कुबेर का जन्म हुआ था. अर्थात रावण और कुबेर भाई हुए.
रावण के नाना-नानी
सुमाली रावण के नाना का नाम था और नानी का नाम ताड़का था.
रावण के भाई-बहन
रावण कुल 8 भाई-बहन थे. विभीषण, कुंभकरण, अहिरावण, खर, दूषण रावण के सगे भाई थे. सूर्पनखा और कुम्भिनी रावण की सगी बहनें थीं. इसके अलावा रावण का सौतेला भाई कुबेर था. जो रावण से बड़ा था.
रावण की पत्नियां
रावण की कुल तीन पत्नियां थीं. पहली पत्नी का नाम मंदोदरी, दूसरी पत्नी का नाम धन्यमालिनी थी. रावण की पहली पत्नी मंदोदरी राजा मायासुर और अप्सरा हेमी की पुत्री थीं.
रावण के पुत्र
मान्यताओं के अनुसार रावण के सात पुत्र थे.
1. इंद्रजीत
2. प्रहस्थ
3. अतिकाय
4. अक्षयकुमार
5. देवान्तक
6. नरान्तक
7. त्रिशिर