विजयदशमी का पर्व शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया. पूरे देश में विभिन्न जगहों पर रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया. इसके लिए विभिन्न संस्थाओं और संगठनों ने पहले से ही तैयारियां की थीं. हालांकि कोरोना काल के चलते इस साल पुतलों का कद कम किया गया था, साथ ही आतिशबाजी भी कम हुई. दशहरा के दिन रावण दहन एक खास मौका होता है. दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना, कानपुर, भोपाल सहित कई शहरों में रावण दहन हुआ. हर शहर में रावण दहन देखने के लिए खूब भीड़ उमड़ी. लेकिन कोरोना के चलते कई जगहों इसकी रौनक फीकी रही.
इको फ्रेंडली रामलीला, रावण के पुतले का सांकेतिक दहन और इलेक्ट्रिक आतिशबाजी
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा यानि विजयादशमी के अवसर पर देश भर में रावण का पुतला दहन किया गया. देश भर में इस अवसर पर रामलीला का मंचन भी होता है. लेकिन कोविड महामारी के कारण पिछले वर्ष रामलीला का आयोजन नहीं हुआ था. इस बार अधिकांश राज्यों में कोविड गाइडलाइन्स का पालन करते हुए रामलीला का मंचन और रावण के पुतला दहन की अनुमति प्रदान की गयी थी.
कोरोना और प्रदूषण को देखते हुए देश के कई राज्यों में इको फ्रेंडली रामलीला और रावण के पुतले का सांकेतिक दहन किया गया. दिल्ली की पहली इको फ्रेंडली रामलीला, रावण के पुतले का सांकेतिक दहन और बिना धुआं वाली इलेक्ट्रिक आतिशबाजी हुई.
ईस्ट दिल्ली में विवेक विहार स्थित भव्य रामलीला सोसाइटी में इको फ्रेंडली दशहरे का आयोजन हुआ, जहां 30 फिट के रावण के पुतले के साथ कोरोना के पुतले को खड़ा किया गया जहां पुतला दहन होता तो नजर आया लेकिन धुआं नहीं हुआ. इलेक्ट्रिक कोल्ड अनार जले, जिससे न धुआं हुआ, न तपिश बढ़ी, धमाके म्यूजिक के जरिए किए गए. पुतला दहन से पहले एक घंटे का रामलीला मंचन भी हुआ.
इस दौरान केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उत्तर प्रदेश के रामपुर में रावण दहन में हिस्सा लिया. इस दौरान नकवी ने रामलीला भी देखी.
इस दौरान अपने गृह नगर ग्वालियर में दशहरा के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शमी वृक्ष की पूजा की.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में रावण दहन में हिस्सा लिया और रामलीली मैदान में स्थित दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना की.