दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव (डीयूएसयू) के वोटों की गिनती के दौरान सामने आए ईवीएम की गड़बड़ियों पर दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सफाई दी है। चुनाव अधिकारी ने साफ किया कि डीयूएसयू चुनाव में इस्तेमाल किए गए ईवीएम को चुनाव आयोग ने नहीं दिया था। अधिकारी ने कहा, ऐसा लगता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने निजी तौर पर ईवीएम उपलब्ध करा लिया था। चुनाव अधिकारी का यह बयान गुरुवार को चल रहे वोटों की गिनती के दौरान 'ईवीएम में खराबी' पर हंगामे के बाद आया है।
दिल्ली में मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के द्वारा जारी बयान के अनुसार, 'डीयूएसयू के चुनावों में कुछ चैनलों द्वारा ईवीएम को लेकर जो लिखा जा रहा है उसके लिए मैं बताना चाहता हूं कि जिन ईवीएम पर सवाल उठाए जा रहे हैं वह चुनाव आयोग के नहीं हैं और इस ऑफिस द्वारा डीयू को ऐसी कोई ईवीएम मशीनें नहीं दी गई थी।'
बयान के मुताबिक, 'राज्य चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसी कोई मशीनें उनके द्वारा भी नहीं दी गई थी। ऐसा लगता है डीयू ने निजी तौर पर मशीन हासिल किया था। इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट भी भेजी जाएगी।'
हालांकि छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को भारी सफलता मिली है। अध्यक्ष पद पर अंकिव बसोया की जीत के साथ एबीवीपी ने उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर भी कब्जा जमा लिया है। उपाध्यक्ष पद पर शक्ति सिंह और संयुक्त सचिव पद पर ज्योति चौधरी को जीत मिली। वहीं सचिव पद पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के आकाश चौधरी को सफलता मिली है।
वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम खराबी की बात सामने के बाद आरएसएस से संबंधित एबीवीपी और सीवाईएसएस-आइसा गठबंधन ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और मतगणना शुरू करने की मांग की।
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बुधवार को हुए चुनाव में, केवल 45 प्रतिशत छात्रों ने छात्र संघ के गठन के लिए विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को वोट दिया था। परपरांगत रूप से, एनएसयूआई और एबीवीपी डीयूएसयू के चुनावों में जीत दर्ज करते रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) ने इस वर्ष वाम छात्र संगठन आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) के साथ गठबंधन किया था।
Source : News Nation Bureau