भारत को बुलेट ट्रेन की नहीं आधुनिक, साफ-सुरक्षित और तेज रेल प्रणाली की ज़रूरत: ई श्रीधरन

भारतीय रेल व्‍यवस्‍था की तुलना विकसित देशों से करते हुए श्रीधरन ने कहा, 'मुझे लगता है भारतीय रेल व्यवस्था विकसित देशों की तुलना में करीब 20 साल पीछे है।'

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
भारत को बुलेट ट्रेन की नहीं आधुनिक, साफ-सुरक्षित और तेज रेल प्रणाली की ज़रूरत: ई श्रीधरन
Advertisment

'मैट्रो मैन' के नाम से जाने वाले ई श्रीधरन का कहना है कि देश को अभी बुलेट ट्रेन की ज़रूरत नहीं है बल्कि मौजूदा रेल व्यवस्था को दुरुस्त करने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन बेहद महंगी और आम आदमी की पहुंच से बाहर की चीज़ है। इससे केवल उच्चवर्गीय समुदाय की ही ज़रूरत पूरी हो पाएगी। भारत को बुलेट ट्रेन की अपेक्षा एक आधुनिक, साफ, सुरक्षित और तेज रेल प्रणाली की ज़रूरत है।

भारतीय रेल व्‍यवस्‍था की तुलना विकसित देशों से करते हुए श्रीधरन ने कहा, 'मुझे लगता है भारतीय रेल व्यवस्था विकसित देशों की तुलना में करीब 20 साल पीछे है।'

वहीं हाल के दिनों मे रेल व्यवस्था में आए सुधार को लेकर श्रीधरन ने कहा कि भारतीय रेल में बायो टॉयलेट को छोड़ कर और कोई प्रगति नहीं हुई है। इतना ही नहीं हाल ही में कुछ ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को लेकर उन्होंने कहा कि बहुत से प्रतिष्ठित ट्रेनों की औसत गति में पहले के मुक़ाबले कमी आई है।

और पढ़ें- महाराष्ट्र: फड़णवीस पर 1767 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले का आरोप 

श्रीधरन ने कहा, 'मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि भारतीय रेल में तेजी से प्रगति हुई है। जैव-शौचालयों के अलावा कोई तकनीकी उन्नति नहीं हुई है। गाड़ियों की गति में भी अब तक कोई वृद्धि नहीं हुई। सही मायने में कहूं तो हाल के दिनों में सबसे प्रतिष्ठित ट्रेनों की औसत गति पहले के मुक़ाबले नीचे आ गई है। भारतीय रेल के परिचालन में हो रही देरी सबसे ख़राब दौर में है। आधिकारिक तौर पर 70% ट्रेन ही समय से चल रही हैं, जबकि असल में 50% से कम।'

श्रीधरन ने ट्रेन दुर्घटनाओं के रिकॉर्ड के बारे में बातचीत करते हुए कहा, 'अब तक इसमें कोई सुधार नहीं आया है। अब भी क्रॉसिंग और पटरियों पर लोगों की जान जा रही है। पटरियों पर सालाना लगभग 20,000 लोगों की मौत हो रही है। मुझे लगता है कि भारतीय रेलवे विकसित देशों से 20 साल पीछे चल रहा है।'

देश के भविष्य पर अपनी राय रखते हुए 86 वर्षीय रिटायर्ड इंजीनियर ने कहा कि देश में चल रही विकास की गति से मैं विचलित हूं। आज़ादी के 70 साल बीत चुके हैं इसके बावजूद देश की एक तिहाई आबादी ग़रीबी रेखा के नीचे है। अगर भौतिक विकास को छोड़ दें तो नैतिकता, मुल्यों और सिद्धांत को लेकर देश में काफी गिरावट आ गई है। मुझे इस बात से काफी निराशा होती है कि देश के नेता मुल्य और सिद्धांत को छोड़कर राजनीतिक महत्वाकांक्षा से चलने लगे हैं। असल में देश को एक संपूर्ण आधार की ज़रूरत है।

और पढ़ें- मुंबई के अंधेरी वेस्ट में रेलवे पुल का एक हिस्सा गिरा, राहत कार्य जारी

Source : News Nation Bureau

Delhi Metro Bullet Train Modi E Sreedharan Sreedharan
Advertisment
Advertisment
Advertisment