विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने तजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन विदेश मंत्रियों की बैठक ( SCO Foreign Ministers Meeting ) के इतर चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी (Chinese Foreign Minister & State Councilor, Wang Yi) के साथ एक घंटे की द्विपक्षीय बैठक (bilateral meeting) की. इस दौरान दोनों नेताओं ने बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच जारी तनाव को लेकर चर्चा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि LAC गतिरोध लंबा खींचने से दोनों देशों के संबंध प्रभावित हो रहे हैं. विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि यह चर्चा पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) के साथ अन्य शेष मुद्दों पर केंद्रित रही है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि दो मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की अगली बैठक में, दोनों पक्षों को शेष सभी मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान की तलाश करनी चाहिए. बयान में बताया गया कि इस दौरान इस बात पर भी सहमति बनी कि कोई भी पक्ष ऐसा कोई एकतरफा कदम नहीं उठाएगा जिससे तनाव बढ़ सके.
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EAM S Jaishankar holds a one-hour bilateral meeting with Chinese Foreign Minister & State Councilor, Wang Yi on the sidelines of the Dushanbe SCO Foreign Ministers Meeting
"Discussions focused on the outstanding issues along the LAC in the Western Sector," the EAM tweets pic.twitter.com/NZeROcXA4L
— ANI (@ANI) July 14, 2021
भारत चीन सम्बन्धो पर गहन बातचीत
तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में जब दोनों नेता एससीओ के साइड लाइन में मिले तो बातचीत के टेबल पर LAC के हालात थे. भारत चीन सम्बन्धो पर गहन बातचीत के दौरान LAC पर तनाव, सैन्य तैनाती और डीसेंगजमेंट के मसले पर दोनों नेताओ ने अपने अपने विचारों को साझा किया. बैठक के दौरान डॉ जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव के जड़ में LAC पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश थी जिससे हालात इस मोड़ पर खड़े हुये. विदेश मंत्री ने कहा कि मौजूदा हालात दोनो देशो के हित मे नहीं हैं और इस बात पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी सहमत दिखे की इसका नकारात्मक असर दोनो देशो के संबंधों पर पड़ रहा है। डॉ जयशंकर ने कहा कि पंगोंत्से में डीसेंगजमेंट के बाद अन्य पॉइंट्स पर भी स्थिति सामान्य होने का रास्ता खुला और इस माहौल को आगे बढ़ाने की जरूरत है.
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शांति व्यवस्था दोनो देशों के संबंधों का आधार
विदेश मंत्री ने वाँग यी को आगाह किया कि 1988 के समझौते के मुताबिक सीमा पर शांति व्यवस्था दोनो देशों के संबंधों का आधार रहा है. सीमा पर यथास्थिति में बदलाव की कोशिश 1993 और 1996 के समझौतों का भी उल्लंघन है. ऐसे में ये दोनों देशों के हित मे है कि विवादित मुद्दों को जल्द सुलझाया जाये ताकि सीमा पर यथा स्थिति बहाल हो और शान्ति लौटे. 25 जून 2021 को हुये WMCC की बैठक का जिक्र भी दोनो नेताओ ने किया और जल्द से जल्द कमांडर लेवल की बैठक पर सहमत दिखे जिसके जरिये डीसेंगजमेंट की प्रक्रिया में तेजी लायी जा सके. विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक पर बताया कि विदेश मंत्री ने दोहराया कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि मौजूदा स्थिति को लम्बा खींचना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है. यह नकारात्मक रूप से संबंधों को स्पष्ट रूप से प्रभावित कर रहा था.
Source : Madhurendra Kumar