तुर्की की तरह भारत में भारी तबाही का खतरा बना हुआ है. तुर्की में आए भूकंप में हजारों लोग अपनी जान गवां चुके हैं. इस बीच भारत में बड़े खतरे की चेतावनी जारी की गई है. यह चेतावनी हैदराबाद स्थित नेशनल जियोग्राफिकल रिचर्स इंस्ट्टीट्यूट के प्रमुख सिस्मोलॉजी साइंटिस्ट डॉक्टर एन चंद्रचूर्ण राव ने दी है. डॉक्टर के अनुसार, यह भूकंप सबसे अधिक तबाही उत्तराखंड में करेगा. यहां की नीचे की सतह पर ज्यादा तनाव देखने को मिल रहा है. यहां पर बड़े भूकंप की संभावना बनी हुई है. हालांकि अभी इस भूंकप की तारीख और समय तय नहीं है, मगर ये बेहद घातक हो सकता है. डॉक्टर राव का कहना है कि उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में 80 सिस्मिक स्टेशन बनाए हैं. राव ने बताया कि उन्होंने इलाके में जीपीएस नेटवर्क भी लगाए हैं.
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डॉक्टर राव ने बताया कि पूरे क्षेत्र में जीपीएस नेटवर्क स्थापित किए जा रहे हैं. यह सतह के नीचे होने वाली हर हरकत पर नजर रखेंगे. अभी तक की रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि कभी भी उत्तराखंड में भारी तबाही हो सकती है. आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही जोशीमठ में जमीन धसने की घटना सामने आई है. वहीं 22 मई से चारधाम की यात्रा शुरू होने वाली है. इसमें देशभर के लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे.
गौरतलब है कि बीते दिनों तुर्की में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई. इस तबाही में करीब 30 हजार लोगों की मौत हो गई. भूकंप से पहले भी अलर्ट जारी किए गए थे, मगर प्रशासन ने सतर्कता नहीं बरती. इससे पहले 1999 में भी तुर्की में भयानक भूकंप आया था. इसमें करीब 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी. इस बार भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई थी. वहीं पहले वाले भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई थी.
Source : News Nation Bureau