अरुणाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक,अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में दोपहर 12:12 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस हुए, जबकि मध्य प्रदेश के इंदौर में दोपहर 1 बजे धरती कांपी. राहत की बात ये रही कि दोनों जगहों पर भूकंप की तीव्रता कम रही. अरुणाचल प्रदेश में रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई. भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए. कुछ लोग दहशत में भी आ गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में भूकंप दोपहर 12 बजकर आया, जिसका केंद्र भूटान सीमा के पास पश्चिम कामेंग था और यह जमीन से 10 किमी नीचे की गहराई थी.नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अधिकारियों ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र होने के कारण पूर्वोत्तर राज्यों में भूकंप के झटके आते रहते हैं. यह इलाका डैंजर जोन में आता है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
इंदौर में भूकंप के झटके महसूस
वहीं, मध्य प्रदेश के इंदौर में आए भूकंप का केंद्र धार में था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.0 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप का केंद्र इंदौर से 150 किलोमीटर दूर धार में था. गनीमत की बात रही कि दोनों जगहों पर किसी तरह की हताहत की खबर नहीं है.
भूटान में भी भूकंप के झटके किए गए महसूस
गौरतलब है कि भूकंप के झटके अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के साथ-साथ असम में भी हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहीं, भूटान में भी महसूस किए गए हैं. भूटान के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, लेकिन किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अधिकारियों की मानें तो अरुणाचल, असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में भूकंप के झटके आते रहते हैं. क्योंकि यह इलाका उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आता है.
तुर्की में भूकंप से मची तबाही, अभी तक 25 हजार से ज्यादा लोगों की मौत
बता दें कि तुर्की और सरिया में आए भूकंप ने भारी तबाही मचा रखा है. तुर्की में अभी तक 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की में कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह धाराशाही हो चुकी है. तुर्की में अभी तक मलबे में लोगों के दबे होने की आशंका है. मलबे से बाहर निकालने का काम जारी है. वहीं, परिजन शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए कई दिनों से कतार में लगे हुए हैं, लेकिन जगह नहीं मिलने की वजह से शवों को बाहर में ही छोड़ना पड़ रहा .