भारत ने 'Ease of doing business' index में 77वां स्थान हासिल किया है. वर्ल्ड बैंक ने बुधवार को 190 देशों की ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग जारी की है. बीते वर्ष रैंकिंग में भारत 100वें स्थान पर था. ऐसे में पिछले साल के मुकाबले भारत ने 23 स्थानों की बड़ी छलांग लगाई है. साथ ही पिछले दो साल के मुकाबले में भारत की रैंकिंग में 53 पायदानों का सुधार आया है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह भारत की 1 साल में लगाई गई अब तक सबसे ऊंची छलांग है.
वर्ल्ड बैंक की ओर से यह रैंकिंग हर साल जारी की जाती है. इसमें 190 देशों को रैंकिंग दी जाती है. विश्व बैंक की यह रैंकिंग 10 मानदंडों मसलन कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली कनेक्शन हासिल करना, कर्ज हासिल करना, टैक्स भुगतान, सीमापार कारोबार, अनुबंध लागू करना और दिवाला मामले का निपटान पर आधारित होती है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रैकिंग की घोषणा के दौरान मीडिया से कहा कि, 'मोदी सरकार के नेतृत्व में पिछले 4 सालों में देश ने बेहतर प्रदर्शन किया है. हमारा लक्ष्य है कि हम भारत को टॉप 50 देशों की सूची में लाएं. अगर हम 5 सालों में भारत को टॉप 50 देशों की सूची में शामिल कर पाए तो यह एक रिकॉर्ड होगा. वर्ल्ड बैंक के इतिहास में भी ऐसा कभी नहीं हुआ है.'
वित्त मंत्री आगे बताते हुए कहते हैं कि, 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए थे, उस साल भारत की रैंकिंग 142 थी. भारत साल दर साल बेहतर प्रदर्शन कर काफी आगे आया है. पीएम ने आने वाले सालों में भारत को ईज ऑफ डूइंग बिजनस में टॉप 50 देशों की श्रेणी में लाने की घोषणा भी की है.
वहीं वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है. साथ ही कहा कि यह देशवाशियों के लिए बड़ा दिपावली तोहफा है.