मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली की जांच के लिए चुनाव आयोग एक टीम गठित करेगी। यह टीम भोपाल और नर्मदापुरम जाएगी।
यह टीम सात जून तक अपनी जांच की रिपोर्ट को चुनाव आयोग को सौंपेगी। बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और कांग्रेस सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया कई नेताओं ने मिलकर इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था।
सभी नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग के मुख्यालय पहुंचे और आरोप लगाया कि राज्य में करीब साठ लाख फर्जी वोटर हो सकते हैं।
आयोग में शिकायत करने से पहले कांग्रेस के इन नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा किया कि जब राज्य की आबादी 24% बढ़ी है तो मतदाता चालीस फीसदी बढ़ गए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कमलनाथ ने कहा, 'हमलोगों ने चुनाव आयोग को सबूत दे दिया है। राज्य में करीब 60 लाख फर्जी वोटरों के नाम लिस्ट में जुड़वाए गए हैं।'
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'फर्जी वोटरों का नाम जोड़ा जाना प्रशासनिक लापरवाही नहीं है। ऐसा करना प्रशासन का दुरुपयोग है।'
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वहीं कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'ऐसा करने में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हाथ है। यह कैसे संभव है कि पिछले दस साल में राज्य की जनसंख्या 24 प्रतिशत बढ़ी हो और वोटर 40 प्रतिशत बढ गए हैं।'
उन्होंने कहा, 'हम लोगों ने लिस्ट की स्क्रूटनी की एक वोटर का नाम 26 जगहों पर दर्ज है। ऐसा नहीं कि इस तरह का केस एक जगह है ऐसे मामले कई विधानसभा क्षेत्रों में देखने को मिले हैं।'
लिस्ट में गड़बड़ी को देखते हुए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वोटर लिस्ट की फिर से जांच हो। साथ ही कहा है कि जिन अधिकारियों ने ऐसा किया है उन पर कार्रवाई हो।
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Source : News Nation Bureau