गुजरात में विधायकों के ताबड़तोड़ इस्तीफे को लेकर कांग्रेस की शिकायत को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लेते हुए इस मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। कांग्रेस ने बीजेपी पर राज्यसभा चुनाव से पहले पार्टी के विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर 'पैसे और ताकत' का बेजा इस्तेमाल कर उसके विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की थी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला के पार्टी से इस्तीफे के बाद अब तक गुजरात कांग्रेस से 6 विधायकों का इस्तीफा हो चुका है। 182 सीटों वाले गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के 57 विधायक थे, जिनकी संख्या अब घटकर 51 हो गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अभिषेक मनु सिंघवी और मनीष तिवारी ने इस मामले में चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा। चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के ज्ञापन पर गुजरात के मुख्य सचिव से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गई है। मुख्य सचिव को आयोग ने 31 जुलाई की शाम 5 बजे तक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
इसके साथ ही आयोग ने राज्य सरकार को पार्टी के सभी विधायकों और उनके परिवार वालों को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए जाने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग से मिलने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर गुजरात में लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी घूस और धमकी की मदद से उसके विधायकों को तोड़ रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'गुजरात में जो हो रहा है, वह लोकतंत्र की हत्या है। पहले विधायकों को धमकी दी गई। अब उनके परिवार को भी धमकाया जा रहा है। यह कैसा लोकतंत्र है? इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।'
गुजरात में लोकतंत्र की हत्या कर रही बीजेपी: कांग्रेस
गुजरात से राज्यसभा के लिए होने वाले चुनाव से पहले विधायकों के इस्तीफे ने पूरे समीकरण को बदल कर रख दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'कोई पार्टी विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद कैसे तीसरे उम्मीदवार को चुनाव में खड़ा कर सकती है। बीजेपी ने कांग्रेस से उम्मीदवार की चोरी कर उसे राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बना दिया।'
गुजरात से राज्यसभा जाने के लिए किसी उम्मीदवार को कम से कम 47 विधायकों के मतों की जरूरत होगी। ऐसे में बीजेपी के तीन उम्मीदवारों के राज्यसभा पहुंचने के लिए 131 विधायकों के वोट की जरुरत होगी। जबकि विधानसभा में बीजेपी के 125 विधायक है। वहीं छह विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के कुल विधायकों की संख्या घटकर 51 रह गई है।
गुजरात से राज्यसभा में कुल सांसद हैं। इनमें से तीन सांसदों का कार्यकाल 18 अगस्त को खत्म हो रहा है। बीजेपी की स्मृति ईरानी और दिलीपभाई पांडेय के साथ कांग्रेस के अमहद पटेल का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
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कांग्रेस ने इस बार भी अमहम पटेल को उम्मीदवार बनाया है जबिक बीजेपी ने इस बार स्मृति ईरानी, अमित शाह के अलावा कांग्रेस से आए विधायक को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। आनंद शर्मा ने कहा कि विधायकों को राज्य से बाहर भेजना पड़ा और यह राज्य सरकार एवं सत्ताधारी पार्टी पर काला धब्बा है। यह लोकतंत्र पर हमला है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कम से कम तीन विधायकों - पूनाभाई गैमिट (व्यारा), मंगलभाई गैमिट (डांग) और ईश्वरभाई पटेल (धरमपुर) - से भाजपा और उसके एजेंटों ने संपर्क साधा और पैसों का लालच देकर उन्हें पार्टी से तोड़ने की कोशिश की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले आजाद ने कहा, 'राज्य सरकार, प्रशासन और पुलिस का इस्तेमाल किया गया। सबसे दुखद बात यह है कि यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में हुआ। हमने निर्वाचन आयोग से इस शर्मनाक घटनाक्रम में शामिल सभी अधिकारियों को स्थानांतरित करने या निलंबित करने की मांग भी की, जिन्होंने हमारे विधायकों का अपहरण कर उन्हें बंधक बनाए रखा।'
गुजरात में ताजा घटनाक्रम से कांग्रेस को आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव में नुकसान पहुंचने की संभावना है, जिसे देखते हुए कांग्रेस ने गुजरात के अपने शेष 44 विधायकों को कर्नाटक में सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है।
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HIGHLIGHTS
- गुजरात में विधायकों के इस्तीफे के मामले में कांग्रेस की शिकायत पर हरकत में चुनाव आयोग
- चुनाव आयोग ने पुरे मामले में गुजरात के मुख्य सचिव से 31 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है
- आयोग ने राज्य सरकार को विधायकों और उनके परिवार को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है
Source : News Nation Bureau