कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख लीक किए जाने के मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग ने समिति का गठन कर दिया है। आयोग ने कमेटी को सात दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग को आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा करनी थी लेकिन उससे ठीक पहले केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईडी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर तारीखों का ऐलान कर दिया।
हालांकि बाद में विवाद बढ़ता देख मालवीय ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
जिस समय मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तभी अमित ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 'कर्नाटक 12 मई 2018 को वोट करेगा और मतगणना 18 मई 2018 को होगी।'
चुनाव आयोग के घोषणा से पहले इस ट्वीट के आने से प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने मुख्य चुनाव आयुक्त से इस पर सवाल किया आखिर उन्हें इस बात की जानकारी घोषणा से पहले कैसे मिली।
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला।
नकवी ने आयोग को सफाई देते हुए कहा कि तारीख को लेकर किया गया ट्वीट किसी चैनल को देखकर किया गया था। कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी पर चुनाव आयोग का डेटा चुराने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने कहा कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'बीजेपी ने चुनाव आयोग से पहले ही कर्नाटक के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को ये सीधी चुनौती है।'
उन्होंने कहा, 'प्रश्न यह है, 1. क्या संवैधानिक संस्थाओं का डेटा भी भाजपा चुरा रही है?
2. क्या चुनाव आयोग श्री अमित शाह को नोटिस देगा और भाजना के आईटी सेल पर एफआईआर दर्ज करवाएगा?'
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Source : News Nation Bureau