सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया) ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के विचारधारा पर चलने का आरोप लगाया है। सीपीआई ने कहा कि लोक सभा चुनाव और विधानसभा चुनाव साथ करवाना संभव नहीं है।
राज्यसभा सांसद डी राजा ने कहा, 'केंद्र सरकार का लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव व्यवहारिक नहीं है। क्योंकि सभी राज्यों को लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराने के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता है।
डी राजा का बयान चुनाव आयुक्त ओ पी रावत के उस बयान के बाद आया है जिसमें कहा गया कि देश में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग अगले वर्ष सितम्बर तक तैयारी पूरी कर लेगा।
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डी राजा ने कहा, 'ये बीजेपी की विचारधारा है। इस सरकार ने हमेशा ही एक देश, एक संस्कृति और एक चुनाव को प्रसारित किया है। और अब चुनाव आयोग भी उसी भाषा में बात कर रही है। ये बीजेपी की विचारधारा है।'
बता दें कि गुरुवार को ही चुनाव आयोग ने कहा, 'सरकार ने आयोग से एक साथ चुनाव कराने के लिए संसाधनों के संदर्भ में पूछा था और आयोग की मांग पर सरकार ने बीते माह 15,400 करोड़ रुपये दिए हैं।'
रावत ने बताया कि एक साथ चुनाव कराने के लिए 40-40 लाख ईवीएम और वीवीपैट की आवश्यकता होगी, जिसका ठेका दो कंपनियों को दिया जा चुका है। इसकी आपूर्ति भी शुरू हो गई है। इस तरह एक साथ चुनाव कराने की आयोग की तैयारी है। ऐसा कराना है या नहीं, यह फैसला केंद्र सरकार को करना है।
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Source : News Nation Bureau