भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने लोकसभा चुनाव पहले कराए जाने से संबंधित खबरों के बीच यहां शनिवार को कहा कि आयोग कानून के प्रति निष्ठा रखता है और किसी भी सदन का कार्यकाल समाप्त होने के छह महीने से पहले चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं कर सकता।
मर्चेट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक इंटरएक्टिव सत्र में उन्होंने कहा, 'कानून कहता है कि निर्वाचन आयोग सदन की समाप्ति की तिथि के छह महीने पहले तक किसी भी सदन के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं कर सकता। निर्वाचन आयोग की यह वैधानिक बाध्यता है।'
रावत ने यह भी कहा कि आयोग के पास चुनाव निर्धारित करने का फैसला लेने का अधिकार है।
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आयोग को 2019 का आम चुनाव समय पूर्व कराने से संबंधित सुझाव प्राप्त होने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'बिल्कुल भी नहीं। निर्वाचन आयोग कानून के मुताबिक कार्य करेगा। मैंने कानून के बारे में बता दिया है..अगर कानून को जरूरत होगी कि चुनाव छह माह के भीतर कराने हैं तो आपको कराने होंगे।'
एक साथ चुनाव कराने के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग से 2015 में इस विचार के बारे में कहा गया था। आयोग ने सरकार को सभी सुझाव दिए थे। इसके लिए संविधान और कानून में बदलाव की आवश्यकता है। इसके लिए लॉजिस्टिक समर्थन की भी आवश्यक होगी। हमने सरकार को सुझाव दिए। उसके बाद, हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। हाल ही में विधि आयोग ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी।'
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Source : IANS