जी हां सही सुन रहे हैं आप अगर आप विदेश यात्रा पर जाने का प्लान कर रहे हैं तो अब आपके विदेश जाने और आपकी सारी जानकारी एयरलाइंस कंपनियों को केंद्र सरकार को देनी होगी इसमें वो लोग भी शामिल होंगे जो विदेश से भारत की यात्रा कर रहे हैं. केंद्र सरकार के वित्तमंत्रालय की सीबीआइसी नोटिफिकेशन के अनुसार किसी भी विदेश यात्रा करने वाले मुसाफ़िर का पैन कार्ड नंबर, पूरा पता, ईमेल आईडी, टेलीफोन नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, विदेश यात्रा से संबंधित पूरी जानकारी जैसे आप विदेश में क्या करने या फिर कहाँ कहाँ जा रहे हैं ये सभी जानकारी देनी होगी।
सरकार ने ये फैसला ख़ास तौर पर दो कारणों से लिया है पहला : बैंकों से कर्ज़ लेकर न चुकाने, इरादतन क़र्ज़ न चुकाने वाले इकोनॉमिक ऑफण्डर्स जिनपर सरकार की नज़र पहले से है लेकिन अब सरकार इसे और पुख्ता करने की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक़ एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाएगा जिसमें किसी भी ऐसे इकोनॉमिक ऑफण्डर्स की यात्रा से पहले सरकार को उसकी जानकारी हासिल हो जाएगी जो देश छोड़कर भागने के फिराग में है। दूसरा : देश का मौहोल ख़राब करने के इरादे से भारत आने वाले लोगों पर भी सरकार नई नज़र है इसके लिए भी ये सिस्टम काम करेगा और उनके ट्रेवेल पर रोक लगाएगा . 24 घंटे पहले सरकार को एयरलाइंस कंपनियों, ट्रेवल एजेंटों, यहां तक कि चार्टेड फ्लाइट्स की डिटेल भी साझा करनी होगी।
इसको देखते हुए सरकार ने सीबीआइसी के तहत नेशनल कस्टम टार्गेटिंग सेंटर-पैसेंजर यानी एनसीटीसी-पी को इस्टेब्लिश किया है जिसके अंतर्गत डाटा इखट्टा किया जाएगा सरकार इस डाटा को 5 साल तक रखेगी हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि इससे डाटा ब्रीच का खतरा भी बढ़ जाएगा।
Source : Sayyed Aamir Husain