प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को एनएसई के पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक रवि नारायण को 2009 और 2017 के बीच एक्सचेंज के कर्मचारियों के फोन टैपिंग से संबंधित धन शोधन निवारण अधिनियम मामले में गिरफ्तार किया. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि नारायण को गिरफ्तार करने की जरूरत है, ताकि उससे पूछताछ की जा सके. ईडी ने कहा था कि फोन टैपिंग मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी. फोन टैपिंग में किए गए भुगतान अपराध की कथित आय है. मुखौटा कंपनियां हैं. हम जानना चाहते हैं कि पूरे ऑपरेशन को कौन संभाल रहा था."
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एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को जुलाई में एजेंसी ने इस मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी ने दावा किया है कि पांडे को रामकृष्ण की मदद के लिए एमटीएनएल लाइन को टैप करने के लिए 4.54 करोड़ रुपये मिले. पांडे ने कहा था कि उन्होंने फोन लाइनों को टैप किया था लेकिन कुछ भी अवैध नहीं किया. उन्होंने कहा कि टैपिंग के लिए सभी उपकरण एनएसई द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं.
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"पांडे आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड चलाते थे. यह आरोप लगाया गया है कि रामकृष्ण ने एनएसई के कर्मचारियों के फोन टैप करने के लिए इस फर्म का इस्तेमाल किया. एनएसई कर्मचारियों द्वारा सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच किए गए फोन कॉल को टैप किया गया और आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रिकॉर्ड किया गया. यह आरोप लगाया गया है कि पांडे ने अवैध रूप से फोन कॉल टैप करने में मदद की थी." इस संबंध में पांडे का रामकृष्ण से आमना-सामना हुआ. ईडी का मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर उसके द्वारा दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर है.
Source : News Nation Bureau