जेट एयरवेज के ठिकानों पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की. छापेमारी दिल्ली और मुंबई के करीब 12 ठिकानों पर की गई. जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के आवासीय ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक, यह तलाशी विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत की गई तथा इसका उद्देश्य गोयल दंपत्ति और जेट एयरवेज में हुए वित्तिय अनियमितताओं के खिलाफ अतिरिक्त सबूत जुटाना था.
इसके पहले लुक ऑउट नोटिस के बावजूद लंदन जाने से पहले ही जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल (Naresh Goyal) और उनकी पत्नी अनीता गोयल (Anita Goyal W/o Naresh Goyal) को हिरासत में ले लिया गया था.
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उनकी फ्लाइट उड़ने के लिए तैयार थी लेकिन उन्हें वापस बुलाया गया और फिर उन्हें जाने से रोक दिया गया. लुक ऑउट नोटिस के चलते गोयल दंपति भारत छोड़कर नहीं जा सकते हैं. आर्थिक संकट के चलते जेट एयरवेज फिलहाल जमीन पर है और कर्मचारियों को चार माह से बकाया वेतन तक नहीं मिला है.
बता दें कि जेट एयरवेज कंपनी पर 1.2 अरब डॉलर का कर्ज है. इस वजह से अस्थाई रूप से विमानों का संचालन 17 अप्रैल के बाद से बंद कर दिया गया है. नरेश गोयल भी एयरलाइन के बिजनेस में आने के बाद से ही विवादों से जुड़े रहे हैं. शुरुआत में उनके फंडिंग के स्रोत पर भी सवाल खड़े हुए थे. जेट को विदेशों के लिए उड़ाने भरने वाली एकमात्र कंपनी बनाने के लिए गोयल ने 2007 में एयर सहारा (Air Sahara) को 1,450 करोड़ रुपये में खरीद लिया था.
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तब इस फैसले को गोयल की गलती के तौर पर देखा गया. तब से कंपनी को वित्तीय मुश्किलों (Financial Problem) से सही मायने में कभी छुटकारा नहीं मिल पाया.
प्राप्त प्रारंभिक जानकारी में पता चला था कि गोयल दंपत्ति एमिरेट्स की फ्लाइट ईके 507 से मुंबई से लंदन जा रहे थे. विमान लगभग उड़ान भरने के लिए तैयार था, जब विमान को वापस बुलाया गया. आव्रजन अधिकारियों ने इसके बाद गोयल दंपति को गिरफ्तार कर लिया. नरेश गोयल को लुक आउट नोटिस जारी हुआ है, जिसके चलते वह देश को नही छोड़ सके.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो