प्रवर्तन निदेशालय (ED) भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) के समुद्र महल, वर्ली में जब्त किए गए तीन आलीशान फ्लैटों (Flats) को लेकर असमंजस में है. कुछ कानूनी बाधाओं के चलते इनकी नीलामी (Auctions) से ईडी को अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 110 करोड़ रुपये मिलने की संभावना भी नहीं है. यही नहीं, ईडी सूत्रों के मुताबिक महंगे घरेलू सामान और पेंटिंग वाले फ्लैटों का सरकार द्वारा रखरखाव भी कोई व्यावहारिक विकल्प नहीं है. नीरव मोदी के देश से भाग जाने (Fugitive) के बाद पिछले पांच सालों से सी-फेसिंग फ्लैटों पर ताला लगा हुआ है. तीनों फ्लैट्स को गेस्टहाउस में बदलने के लिए भारी खर्च और मासिक रखरखाव की तगड़ी लागत की आवश्यकता होगी और इन संपत्तियों को पांच सितारा होटल में ठहरने की तुलना में अधिक महंगा बनाना होगा. सूत्रों ने कहा कि घरेलू सामान, बर्तन और पेंटिंग के सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कोई भी सरकारी अधिकारी संपत्तियों के नवीनीकरण और रखरखाव में व्यक्तिगत रुचि नहीं लेगा.
महंगे बर्तन और पेंटिंग्स की वास्तविक कीमत से अनजान है ईडी
ईडी के अधिकारियों में इस बात पर भी चर्चा हुई कि ड्रग तस्कर इकबाल मिर्ची के घर की तर्ज पर नीरव मोदी के फ्लैटों को गेस्टहाउस के रूप में उपयोग किया जा सकता है. गौरतलब है कि इकबाल मिर्ची के वर्ली स्थित सीजे हाउस परिसर का उपयोग एजेंसी के जोन 2 कार्यालय बतौर कर रही है. हालांकि इस कड़ी में नीरव मोदी के फ्लैट्स के अंदर पड़े सामान को शिफ्ट करने में भी अड़चन आ रही है, क्योंकि फ्लैट में घर के सारे बर्तन और पेंटिंग महंगे हैं. अधिकारी इन वस्तुओं के मूल्य के बारे में अनजान हैं और किसी भी तरह के नुकसान से विवाद खड़ा हो सकता है. ईडी के अधिकारियों ने दिल्ली में अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की, क्योंकि उन्हें डर है कि अधिक देरी से इन महंगी वस्तुओं के मूल्य में और गिरावट ही आएगी. हालांकि बताते हैं कि चर्चा में नीरव मोदी के फ्लैट्स और उनमें रखे महंगे सामान का कोई स्पष्ट विकल्प सामने नहीं आया है.
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नीरव की 4,400 करोड़ की चल-अचल संपत्ति हो चुकी है कुर्क
सीबीआई और ईडी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में दर्ज किए जाने के बाद नीरव मोदी 2018 की शुरुआत में देश से भाग गया. इसके बाद उसे भारत में अदालत द्वारा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया गया. मार्च 2019 में नीरव मोदी को यूके में गिरफ्तार किया गया था. वह फिलहाल भारत में प्रत्यर्पण के लिए कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहा है. ईडी ने जांच के दौरान नीरव मोदी और उसके परिजनों की कुल 4,400 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क की थी. ईडी ने इनमें से ज्यादातर को नीलामी के लिए 2021 में पीएनबी को सौंप दिया था. इनमें से अधिकतर संपत्तियों को नीरव मोदी ने कर्ज की सुविधा के लिए बैंक के पास गिरवी रख दिया था. समुद्र महल के फ्लैट सहित कुछ संपत्तियां, जिन्हें गिरवी नहीं रखा गया था ईडी के पास रहीं. जब्ती की कानूनी कार्यवाही पूरी करने के बाद वे सरकारी संपत्ति बन गईं. पिछले साल ईडी ने उनके फ्लैटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन प्रक्रिया में देरी करने का फैसला किया क्योंकि नीरव के बेटे ने इस पर अपने स्वामित्व का दावा करते हुए एक अदालत का दरवाजा खटखटाया था. इसके अलावा पीएनबी ने भी ईडी से इन फ्लैटों को सौंपने का अनुरोध किया है.
HIGHLIGHTS
- ईडी को अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 110 करोड़ रुपये मिलने की संभावना भी नहीं
- महंगे घरेलू सामान-पेटिंग वाले फ्लैटों का रखरखाव भी कोई व्यावहारिक विकल्प नहीं
- नीरव और उसके परिजनों की कुल 4,400 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क