एयरसेल-मैक्सिस मामले में गुरूवार को सीबीआई अदालत से बरी किए गए मारन बंधुओं की मुसीबतें बढ़ सकती है। प्रवर्तन निदेशालय इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 8 फरवरी तक के लिए टाल दिया है। बता दें कि दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन समेत सभी आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को बरी कर दिया था।
यूपीए सरकार में दूरसंचार मंत्री होने के दौरान दयानिधि मारन और उनके भाई पर मोबाइल कंपनी एयरसेल पर दबाव डालकर कंपनी के शेयर मैक्सिस को बेचने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप था।
ED is taking legal advise to challenge the Special Court’s order that discharged Dayanidhi Maran & other accused in Aircel-Maxis case
— ANI (@ANI_news) February 3, 2017
आरोपों से बरी होने के बाद दयानिधि मारने ने कहा कि, ' मैं पहले दिन से कह रहा था मैं इसमें कहीं से भी दोषी नहीं हूं और ये एक राजनीतिक साजिश थी। लेकिन 6 साल की मेहनत के बाद मैंने खुद को निर्दोष साबित कर दिया।' वहीं आरोपों से बरी होने के बाद कनिमोड़ी ने कहा है कि कानून सबसे ऊपर है और उन्हें कानून से न्याय मिल गया है।
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सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज कराए गए एयरसेल-मेक्सिस सौदे के मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए जाने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया।
आरोप तय करने से जुड़ी दलीलों के दौरान पब्लिक प्रॉस्क्यूटर आनंद ग्रोवर ने दावा किया कि दयानिधि ने वर्ष 2006 में चेन्नई के एक टेलीकॉम प्रमोटर सी शिवशंकरन पर दबाव बनाया था कि वह एयरसेल और दो सहायक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को मलेशियाई कंपनी मैक्सिस समूह को बेच दें।
सीबीआई ने मारन बंधुओं, राल्फ मार्शल, टी आनंद कृष्णन, मेसर्स सन डायरेक्ट टीवी (प्रा) लि, ब्रिटेन की मेसर्स एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क्स पीएलसी, मलेशिया की मेसर्स मेक्सिस कम्यूनिकेशन बेरहाड, मलेशिया की मेसर्स साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड और तत्कालीन अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) दिवंगत जे एस सरमा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
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सभी आरोपियों के खिलाफ खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दंडनीय अपराधों व भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप दायर किया गया था।
इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएम लिमिटेड (एसएएफएल) के प्रबंध निदेशक के शणमुगम, और सन डायरेक्ट टीवी प्रा लि के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था।
HIGHLIGHTS
- मारन बंधुओं को बरी करने के आदेश के खिलाफ जा सकता है प्रवर्तन निदेशालय
- सीबीआई की विशेष अदालत ने किया दारन बंधुओ समेत सभी आरोपियों को बरी
Source : News Nation Bureau