हुर्रियत ने कहा है कि सैयद अली शाह गिलानी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नोटिस पक्षपातपूर्ण और गलत है।
ईडे ने 13 दिसंबर को सैयद अली शाह गिलानी को नोटिस भेजकर सोमवार को पेश होने के लिये कहा था। 2002 में उन पर 10,000 अमेरिकी डॉलर अवैध तरीके से रखा था जो फेरा कानून का उल्लंघन है।
हुर्रियत कांफ्रेंस ने एख बयान जारी कर कहा है, 'गिलानी को भेजा गया नोटिस पक्षपातपूर्ण और गलत है। भारतीय प्रशासन ने लोकतांत्रिक, संवैधानिक और नैतिकता की सीमा को पार कर दिया है।'
गिलानी के वकीलों ने 2002 में आयकर विभाग ने गिलानी और उनके करीबी रिश्तेदारों के घर पर छापा मारा था। जिसमें किसी भी तरह की आपत्तिजनक वस्तु या रकम नहीं मिली थी।
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Source : News Nation Bureau