प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर कालाबाजारी मामले में शुक्रवार को व्यवसायी नवनीत कालरा और गगन दुग्गल के दिल्ली और हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित 13 परिसरों की तलाशी ली. ईडी ने इससे पहले ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की कथित कालाबाजारी मामले में केस दर्ज किया था, जिसके दो दिन बाद शुक्रवार को वित्तीय जांच एजेंसी ने अब कारोबारियों के कई स्थानों पर तलाशी ली है. ईडी के जानकार सूत्रों के अनुसार, दोनों ने पिछले एक महीने में चीन से 7,000 से अधिक ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर आयात किए थे और उन्हें अत्यधिक कीमतों पर जनता को बेचा जा रहा था. यह दावा करते हुए इनकी बिक्री की जा रही थी कि यह कंस्ट्रेटर जर्मन तकनीक से बने हैं.
सूत्र ने कहा, कंस्ट्रेटर की फोरेंसिक जांच से पता चला है कि वे बहुत कम गुणवत्ता वाले उपकरण हैं. उनका आयात मूल्य प्रति यूनिट 15,000 रुपये है और इन्हें 69,999 रुपये प्रति यूनिट में बेचा गया. सूत्र ने कहा कि कालरा और दुग्गल ने कोरोनावायरस जैसी भयंकर महामारी का फायदा उठाया और जनता को धोखा देकर भारी मुनाफा कमाया.
सूत्र ने कहा, तलाशी के दौरान ईडी अधिकारियों को दक्षिणी दिल्ली के महरौली में मंडी रोड पर स्थित कालरा के घर से 150 से अधिक विदेशी ब्रांड की शराब की बोतलें भी मिलीं. ईडी के अधिकारियों ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए हैं.
सूत्र ने कहा कि इन स्थानों में मंडी रोड पर कालरा और दुग्गल के आवास के अलावा कालरा के रेस्तरां - खान चाचा, नेगे एंड जू, टाउन हॉल और दयाल ऑप्टिकल्स शामिल हैं.
सूत्र ने बताया कि ईडी अधिकारियों ने कालरा के बैंक लॉकरों की भी तलाशी ली. ईडी की कार्रवाई मंगलवार को कालरा और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद सामने आई है. दिल्ली पुलिस ने 6 और 7 मई को दक्षिणी दिल्ली के तीन रेस्तरां और एक फार्महाउस से 500 से अधिक ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर जब्त किए थे. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कालरा को रविवार शाम गिरफ्तार किया था और उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. इसके बाद गुरुवार को उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी के आरोपी नवनीत कालरा को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने गुरुवार को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने नवनीत कालरा की पांच दिन की कस्टडी और बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की मांग को ठुकरा दिया है. कोर्ट ने कहा कि इससे पहले पुलिस कस्टडी के दौरान नवनीत कालरा से जांच के लिहाज से ज़रूरी दस्तावेज पहले ही हासिल कर चुकी है. न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी सबूतों से आमना-सामना और पूछताछ की जा सकती है. अब पुलिस कस्टडी में आगे भेजने का कोई औचित्य नहीं है.
Source : News Nation Bureau