भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान आठ अपाचे एएच-64ई (Boeing AH-64 Apache) लड़ाकू हेलिकॉप्टरों को आज मंगलवार को पठानकोट एयरबेस (Pathankot Airbase) पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा. अपाचे हेलीकॉप्टर अमेरिका (America) निर्मित हैं. दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे एएच-64ई के शामिल होने से भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) की संहारक क्षमता में जोरदार इजाफा होगा. फिलहाल अमेरिकी सेना भी अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है.
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वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोवा की मौजूदगी में पठानकोट एयरबेस में ये हेलीकॉप्टर IAF में शामिल किए जाएंगे. अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ 4168 करोड़ रुपए में 22 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा भारत सरकार ने किया था. डील के अनुसार, 2020 तक भारत को सारे 22 अपाचे हेलीकॉप्टर मिल जाएंगे.
पठानकोट एयरबेस पर अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात करना भारत की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. इस एयरबेस से पाकिस्तान की सीमा करीब 30 किलोमीटर दूर है. अपाचे दुनिया के बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है. अपाचे एएच-64 ई हेलीकॉप्टर से चीनी सीमाओं को भी कवर करना आसान हो जाएगा. विंग कमांडर अभिनंदन एक बार फिर अकेले उड़ान भरेंगे. पठानकोट में तैनात अपाचे के स्क्वाड्रन कमांडर ग्रुप कैप्टन एम शायलू होंगे.
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अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत
अपाचे करीब पौने तीन घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है. अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर लगभग 280 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरता है. बेहतरीन डिजाइन के चलते इस हेलीकॉप्टर को रडार आसानी से पकड़ नहीं पाता. अपाचे जब दुश्मन पर हमला करता है तो उसका बचना मुश्किल होता है. इससे आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप से लेकर टैंक तक तबाह किए जा सकते हैं.
- अमेरिकी सेना भी इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है.
- अपाचे को मल्टी रोल कांबेट हेलिकॉप्टर के रूप में जाना जाता है.
- अपाचे दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है.
- दुनिया भर में अब तक 2,100 अपाचे हेलिकॉप्टरों की सप्लाई की गई है.
HIGHLIGHTS
- 4168 करोड़ रुपए में खरीदे गए हैं 22 अपाचे हेलीकॉप्टर
- 2020 तक भारत को सारे 22 अपाचे हेलीकॉप्टर मिल जाएंगे
- इस हेलीकॉप्टर को रडार आसानी से कैच नहीं कर पाता
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो