पश्चिम बंगाल (West Bengal) के रण में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है. अभी मुस्लिम मतदाताओं से की गई सांप्रदायिक अपील पर उन्हें जवाब दाखिल करना ही था कि अब चुनाव आयोग (Election Commission) ने दीदी को एक और नोटिस थमा दिया है. इस बार केंद्रीय बलों पर ममता बनर्जी की टिप्पणी के लिए चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है और शनिवार दोपहर 11 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा है. इस बार चुनौवी रौं में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने वोटरों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा था कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवान गांवों में लोगों को डराने-धमकाने पहुंच सकते हैं. इससे पहले टीएमसी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय सुरक्षाबल (CRPF) बंगाल में उनके वोटरों को पोलिंग बूथ पर जाने से रोक रहे हैं.
अमित शाह पर निशाना साध लगाया सीआरपीएफ पर आरोप
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह पर लगातार हमलावर ममता बनर्जी ने फिर उन्हीं पर निशाना साधते हुए कहा था कि अमित शाह के इशारे पर सीआरपीएफ के जवान राज्य में मतदाताओं को परेशान कर रहे हैं. ममता ने कूच बिहार जिले में यहां एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय बल के कर्मियों पर मौजूदा विधानसभा चुनावों के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने और लोगों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया, 'वे मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें ऐसा करने का निर्देश दिया है.' ममता ने कहा कि प्रशासन चुनाव आयोग चला रहा है. कृपया गौर करें कि मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी की मौत नहीं हो. मेरा आपसे अनुरोध है कि उन सीआरपीएफ कर्मियों पर नजर रखें जो राज्य में अभी ड्यूटी पर हैं. उन्हें महिलाओं को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. ऐसे मामले भी हैं जिनमें केंद्रीय बल के कर्मचारियों द्वारा लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की गयी है.
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इससे पहले दीदी ने दिया था सांप्रदायिक बयान
इससे पहले 28 मार्च को एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कथित तौर पर सवाल किया था कि केंद्रीय बलों को महिलाओं को वोट डालने की अनुमति दिए बिना धमकी देने की शक्ति किसने दी. इससे पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हुगली में चुनाव रैली के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं से अपील करने के लिए बुधवार को एक नोटिस जारी किया. उनसे 48 घंटे के भीतर नोटिस पर जवाब देने को कहा गया है. नोटिस में कहा गया कि चुनाव आयोग को भाजपा के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया है कि तीन अप्रैल को ममता बनर्जी ने हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से कहा था कि उनका वोट विभिन्न दलों में न बंटने दें.
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फिर चुनाव आयोग को भी लपेटा
हालांकि अपने बयान पर कायम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी और चुनाव आयोग चाहे तो उन्हें दस कारण बताओ नोटिस भेज दे, लेकिन वह अपना रुख नहीं बदलेंगी. बनर्जी ने कहा, 'आप (चुनाव आयोग) चाहें तो मुझे दस कारण बताओ नोटिस भेज सकते हैं, लेकिन मेरा जवाब एक ही होगा. मैं हमेशा हिंदू-मुस्लिम वोटों के विभाजन के खिलाफ बोलती रहूंगी. मैं धार्मिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के खिलाफ खड़ी रहूंगी.'
HIGHLIGHTS
- अब सीआरपीएफ पर टिप्पणी कर फंसी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी
- कहा था-लड़कियों को छेड़ डरा-धमका रहे सीआऱपीएफ के जवान
- इसके पहले मुस्लिम मतदाताओं से की थी सांप्रदायिक अपील