चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) के अयोग्य करार दिए गए 20 विधायकों की याचिका पर हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। आयोग ने जवाब दाखिल करते हुए अपने हलफनामें में कहा कि आप के विधायकों की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसी के साथ याचिका जुर्माने के साथ खारिज कर दी जाए।
चुनाव आयोग ने कहा है कि यह याचिका रास्ते से भटकी हुई और गलत समझ वाली है। याचिका में राष्ट्रपति के फैसले या कानून मंत्रालय के नोटिफिकेशन को नहीं बल्कि चुनाव आयोग की सिफारिश को चुनौती दी गई है जबकि राष्ट्रपति अपने संवैधानिक अधिकार के तहत फैसला दे चुके हैं और मंत्रालय नोटिफिकेशन जारी कर चुका है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत दिल्ली की सरकार के लिए एक्ट के तहत यह फैसला लिया है। कानून के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव आयोग की सिफारिश से अलग नहीं जा सकते।
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हलफनामे में कहा गया है कि अयोग्य करार विधायकों की दलील सही नहीं है कि ये प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है क्योंकि उन्हें मौखिक सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। कानून में ये आदेश नहीं है कि मौखिक सुनवाई अनिवार्य है। चुनाव आयोग की सुनवाई में खुद इन विधायकों ने ही कहा था कि आयोग सुनवाई न करे क्योंकि मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।
आपको बता दें कि अयोग्य करार आठ विधायकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान 30 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील अमित शर्मा को हलफनामे के जरिए चार दिनों के भीतर याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा था।
कहा गया था कि किन तथ्यों के आधार पर विधायकों को अयोग्य करार देने की सिफारिश की गई। इसके बाद चार दिनों के भीतर याचिकाकर्ता अपना जवाब दाखिल करेंगे। हाईकोर्ट ने कहा था कि फिलहाल अंतरिम आदेश लागू रहेगा जिसमें चुनाव आयोग को उपचुनाव के लिए कदम न उठाने को कहा गया है. सात फरवरी को अगली सुनवाई होनी है।
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Source : News Nation Bureau