पश्चिम बंगाल (West bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम (Nandigram) में हुए कथित हमले को केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने महज हादसा माना है. बंगाल के मुख्य सचिव की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में निर्वाचन आयोग को कोई सबूत नहीं मिला कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर कोई हमला हुआ था. ऐसे में इसी रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने दीदी के पैर में आई चोट को महज हादसा माना है. यह अलग बात है कि इस घटना पर सूबे में सियासत ने तूफान ला दिया है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) समेत कांग्रेस (Congress) ने उस वक्त भी इसे नाटक करार दिया था. यह अलग बात है तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इसे शुरू से हमला बताया और इसी के आधार पर पहले बंगाल और फिर केंद्रीय निर्वाचन आयोग में जांच की अर्जी दी.
दीदी के पैर में लगी चोट हादसा
चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैर में लगी चोट पर अब तस्वीर साफ हो गई है. यह भी साफ हो गया है कि दीदी पर हमला कोई साजिश नहीं थी, बल्कि परिस्थितिजन्य पेश आया हादसा ही था. चुनाव आयोग अलग-अलग रिपोर्ट के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा. इसके साथ ही आयोग को कोई सबूत नहीं मिला, जो बताता कि ममता बनर्जी पर कोई हमला हुआ. इसका आशय यही निकलता है कि ममता के पैर में नंदीग्राम में जो चोट लगी वह एक हादसा था.
Election Commission of India (ECI) rules out an attack on CM Mamata Banerjee. Details to follow: ECI decision based on a report by state's Observers and Chief Secretary
— ANI (@ANI) March 14, 2021
केंद्रीय चुनाव आयोग ने रविवार को की बैठक
गौरतलब है कि ममता बनर्जी के जख्मी होने के मामले में राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे और विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक की रिपोर्ट पर निर्वाचन आयोग ने ये फैसला लिया है. शनिवार को ही घटना की विस्तृत रिपोर्ट आयोग को सौंपी गई थी. इसके पहले बंगाल चुनाव आयोग भी मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर मान चुका था कि भीड़ के हमला करने के कोई सबूत नहीं मिले. मामला केंद्रीय चुनाव आयोग पहुंचने पर आज दोपहर इस पर मीटिंग बुलाई थी, जिसमें इसी मामले पर विस्तार से चर्चा हुई. चर्चा के बाद चुनाव आयोग ने बताया कि ममता पर हमले के सबूत नहीं मिले हैं.
मुख्य सचिव की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं
बीते दिनों बंगाल के मुख्य सचिव आलापन बंदोपाध्याय ने चुनाव आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप थी क्योंकि उनकी पहली रिपोर्ट में शुक्रवार को जानकारी स्पष्ट नहीं होने की बात कही गई थी. इससे संशय बढ़ रहा था, क्योंकि तथ्यों का जिक्र तो किया गया था, लेकिन घटना के कारणों का स्पष्ट ब्योरा नहीं था. इससे ये स्पष्ट नहीं था कि आखिर घटना की असली वजह क्या है? इस पहली रिपोर्ट से यह भी पता नहीं चल पा रहा था कि यह घटना कहां और कैसे हुई है? मुख्य सचिव ने भीड़ का दबाव, तंग सड़क, सड़क के एकदम किनारे मौजूद लोहे का खंभा, दरवाजे का झटके से बंद होना, ममता के बाहर निकले पैर का घायल होना जैसी तथ्यात्मक बातों का जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया, लेकिन रिपोर्ट किसी निर्णय तक पहुंचने में मदद नहीं करती.
HIGHLIGHTS
- चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के पैर में चोट को हादसा माना
- मुख्य सचिव समेत अन्य रिपोर्ट में नहीं मिला हमले का कोई सबूत
- अब मसले पर राजनीति होगी और भी तेज, बीजेपी को मिला मौका