Advertisment

पॉलिटिकल ग्रांट पर नकेल कसने की तैयारी में चुनाव आयोग

चुनावी खर्चे के लिए सियासी दलों को मिलने वाले "पॉलिटिकल ग्रांट" यानि राजनीतिक अनुदान को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखा है

author-image
Mohit Sharma
New Update
election commission

election commission( Photo Credit : FILE PIC)

Advertisment

चुनावी खर्चे के लिए सियासी दलों को मिलने वाले "पॉलिटिकल ग्रांट" यानि राजनीतिक अनुदान को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखा है।  मुख्य चुनाव आयुक्त ने लैटर में कहा है कि पॉलिटिकल पार्टियों को कहीं से भी मिलने वाले पॉलिटिकल ग्रांट की अधिकतम सीमा को 20 फीसद या फिर 20 करोड़ रूपये यानि की इनमें से जो भी कम साबित हो उस पर कैप लगाने का प्रस्ताव दिया है।

चंदे को 20 हजार से किया जाए 2 हजार

मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने पत्र में राजनीतिक दलों को चुनावी खर्ज के लिए किसी भी माध्यम से मिलने वाले चंदे को लेकर भी अपना रूख साफ किया है। चुनाव आयोग ने मिलने वाले बेनामी चंदे की राशी को 20 हजार से घटाकर 2 हजार करने की भी बात कही है. आयोग के मुताबिक कुल चंदे में नकद मिलने वाली राशी की सीमा अधिकतम 20 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये तक सीमित ही सीमित की जाए ताकि चुनावी चंदे को कालेधन से मुक्त किया जा सके. गौरतलब है कि अगर चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है तो इसके लिए RP Act में बदलाव करना होगा. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

चंदे की प्रक्रिया में सुधार और पारदर्शिता जरूरी

आपको बता दें कि केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों ने सोमवार को दी गई अपनी जानकारी में बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू को पत्र लिखकर जन प्रतिनिधित्व कानून में कुछ संशोधन करने की अनुशंसा की है. राजीव कुमार का ने कहा कि चुनाव आयोग की सिफारिशों का मकसद राजनीतिक दलों को किसी भी तरह से मिलने वाले चंदे की व्यवस्था में सुधार एवं पारदर्शिता लाना है.

284 दलों को किया गया लिस्ट से बाहर

गौरतलब है कि पारदर्शिता न बरतने को लेकर मुख्य चुनाव आयोग की ओर से अब तक बड़ा कदम उठाते हुए  284 ऐसे दलों को पंजीकृत सूची से हटा दिया था ये वो राजनीतिक दल थे जो कि नियमों की अनुपालना नहीं कर रहे थे. इतना ही नहीं इनकम टेक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में टेक्स चोरी के आरोप में ऐसी कई राजनीतिक पार्टियों के दफ्तरों पर छापे भी मारे थे.सरकारी सूत्रों के मुताबिक आयोग की तरफ से बनाए गए मौजूदा नियमों के मुताबिक राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपये से ऊपर वाले सभी चंदों का खुलासा करना होता है और जब भी मांगी जाए आयोग के समक्ष इस बारे में रिपोर्ट देनी होती है.

चुनावी चंदे का हो अलग बैक अकाउंट

सूत्रों ने बताया कि  चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव को अगर कानून मंत्रालय की स्वीकृति मिल जाती है तो सभी राजनीतिक दलों को 2000 रुपये से अधिक मिलने वाले सभी चंदों के बारे में चुनाव आयोग के समक्ष जानकारी साझा करनी होगी। साफ है इससे न सिर्फ चुनावी खर्च में पारदर्शिता आएगी बल्कि राजनीतिक शुचिता के लिए भी ये कदम बहुत जरूरी है। दरअसल चुनाव आयोग यह भी चाहता है कि चुनावों के दौरान हर कैंडिडेट का एक अलग चुनावी खर्च का बैंक अकाउंट खोले जिसमें चुनाव से संबंधित सभी तरह के खर्चे का लेनदेने का हिसाब-किताब हो और उम्मीदवार चुनावी खर्च के इस ब्यौरे को आयोग के सामने पेश करे।

Source : Arun Kumar

Election Commission PC चुनाव आयोग केंद्रीय चुनाव आयोग Election Commission new guideline political grant पॉलिटिकल ग्रांट राजनीतिक अनुदान
Advertisment
Advertisment