पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुडुचेरी और केरल विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान हो सकता है. शाम 4.30 बजे चुनाव आयोग ने दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. जिन राज्यों में चुनाव होना है उनमें चार राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश शामिल है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में 6 से 8 चरणों में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. वहीं असम में तीन चरणों में चुनाव हो सकते हैं. जबकि बाकी राज्यों में एक ही चरण में चुनाव कराए जाने की संभावना है.
बोर्ड परीक्षाओं से पहले आ सकते हैं नतीजे
माना जा रहा है चुनाव आयोग एक मई तक चुनाव संपन्न करा सकता है. मई में बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं. ऐसे में स्कूल और शिक्षकों को चुनाव में नहीं लगाया जा सकता है. ऐसे में परीक्षाओं से पहले चुनाव आयोग सभी राज्यों में नई विधानसभा का गठन कर सकता है. चुनाव आयोग का कहना है कि उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए तमाम उपाय किए हैं. इसके साथ ही सुरक्षाबलों का पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है.
बंगाल में सुरक्षा से पुख्ता बंदोबस्त
पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ समय से जारी हिंसा के बाद कुछ दिनों पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा बंगाल के दौरे पर थे तो उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश के अधिकारियों के साथ नाराजगी और निराशा जताई थी. इस पर डीजीपी और मुख्य सचिव ने कहा था कि चुनाव आने तक कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक हो जाएगी. साथ ही वादा किया गया था कि मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों (CAF) की तैनाती होगी, जबकि बंगाल पुलिस के जवान केंद्र से काफी दूर तैनात रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक बंगाल में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 125 कंपनियों की तैनाती की जाएगी. इसमें सीआरपीएफ की 60 कंपनी, बीएसएप की 25 कंपनी, एसएसबी की 30 कंपनी, सीआईएसएफ की 5 कंपनी और आईटीबीपी की 5 कंपनी शामिल है.
पश्चिम बंगाल
बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं. पिछले दो बार से विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन किया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैट्रिक लगाने के लिए पूरी कोशिशें कर रही हैं. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा 211 सीटें, कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि अन्य ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी.
असम
असम में विधानसभा की 126 सीटें हैं. पिछले चुनाव में यहां किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. अगर विधानसभा की मौजूदा स्थिति की बात करें तो कांग्रेस के अभी 25 विधायक हैं. वहीं बीजेपी के 61 और उसके सहयोगी असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के क्रमश: 14 और 12 सदस्य हैं. सदन में एआईयूडीएफ के 13 सदस्य हैं और एक निर्दलीय सदस्य भी है. असम गण परिषद के 14 और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 12 विधायकों के समर्थन से बीजेपी ने सरकार बनाई है.
तमिलनाडु
तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं. अभी यहां एआईएडीएमके की सरकार है. पिछले विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके और उसके गठबंधन दलों ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी. डीएमके चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी. उसे सिर्फ 98 सीटों पर ही जीत मिली थी. हालांकि यहां डीएमके को कांग्रेस का साथ मिला है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानस्वामी हैं. यहां बहुमत के लिए 118 सीटों की जरूरत है.
केरल
केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है. यहां विधानसभा की कुल 140 सीटें हैं. पिनारई विजयन केरल के मुख्यमंत्री हैं. अगल पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो एलडीएफ ने 91 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं. केरल में बहुमत के लिए 71 सीटों की जरूरत है. केरल में सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने भी पूरा दम लगा रखा है.
पुडुचेरी
पुडुचेरी में इसी सप्ताह राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला है. यहां विधान की 30 सीटें है. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में वी. नारायण सामी मुख्यमंत्री थे लेकिन हाल ही में विधानसभा में बहुमत साबित ना करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वर्तमान में यहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 15 सीटें जीती थी. उसके बाद एआईएडीएमके को 4, एआईएनआरसी को 8, डीएमके को 2 और अन्य को 1 सीटें मिली थीं.
Source : News Nation Bureau