मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव (Madhya Pradesh Bypolls) से पहले हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) के एक फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग (Election commission) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव कराना उसका डोमेन है और हाई कोर्ट का ये फैसला मतदान की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है.
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हाईकोर्ट ने बड़ी रैलियों पर लगाई रोक
दरअसल पिछले दिनों मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य में होने वाले आगामी उपचुनाव में बड़ी रैलियों को प्रतिबंधित कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि रैलियों की अनुमति तभी दी जा सकती है, जब वर्चुअल मीटिंग संभव न हो. हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. उसका कहना है कि कोरोना वायरस के दौरान चुनाव कराने के दिशानिर्देश पहले से ही तय हैं. चुनाव आयोग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश से उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी.
शिवराज ने भी कही थी सुप्रीम कोर्ट जाने की बात
इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अपनी दौ रैलियों को निरस्त कर दिया था. शिवराज ने कहा था, वो हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. शिवराज ने बिहार चुनाव को लेकर रैलियों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि जब बिहार में रैलियां हो रही हैं तो मध्य प्रदेश में रोक क्यों लगाई गई है. उन्होंने कहा कि देश के एक हिस्से में रैली व सभा हो सकती है, दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती. बिहार में सभाएं हों रही हैं, रैलियां हो रही हैं लेकिन मध्य प्रदेश के एक हिस्से में सभाएं नहीं हो सकती.
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3 नवंबर को 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए 3 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इसके लिए चुनावी रैलियां और जनसभाएं भी हो रही थीं. हालांकि राज्य में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने चुनावी रैलियां करने पर रोक लगा दी थी.
Source : News Nation Bureau