भारतीय चुनाव आयोग अप्रवासी भारतीयों को भारतीय वोटर के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिये कदम उठा रहा है। अभी तक पूरी दुनिया में रह रहे 11.4 मिलियन भारतीयों में से सिर्फ 16000 भारतीयों ने ही भारतीय वोटर के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया है।
अपनी कोशिश के तहत चुनाव आयोग ने ऑनलाइन सर्वे करा रहा है, ताकि इस संबंध में भारतीयों को रजिस्ट्रेशन और वोटिंग प्रक्रिया के तहत कितनी जानकारी है इसका पता लगाया जा सके। साथ ही किस तरह से वोटिंग कराई जाए इसकी भी जानकारी चुनाव आयोग को मिल सकेगी।
आयोग का मानना है कि इससे न सिंर्फ अप्रवासी भारतीयों को भारतीय चुनाव प्रक्रिया के बारे में पता चल सकेगा, बल्कि उनके मत का भी पता चल पाएगा। जिसके बारे में सरकार और संसद को भी बताया जाएगा।
इसके साथ ही एक ऑनलाइन प्रतियोगिता भी होगी जिससे उन्हें भारत में होने वाले चुनाव के तरीके आदि के बारे पता चल पाएगा।
सर्वे नवंबर और दिसंबर में कराए जाएंगे और महीने के अंत में ऑनलाइन प्रतियोगिता कराई जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने बताया कि इस प्रक्रिया से चुनाव में भाग लेने में अप्रवासी भारतीयों के सामने आने वाली चुनौतियों का पता चल पाएगा। साथ ही उसे सुलझाने के तरीके भी आयोग निकालेगा।
साल 2011 में रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट 1950 में संशोधन किया गया था। जिसेक अनुसार अप्रवासी भारतीयों को अपने चुनाव क्षेत्र में वोट देने का अधिकार मिल सके। क्योंकि कई ऐसे भारतीय हैं जो चुनाव के दौरान वोट देने भारत नहीं आ सकते।
अक्टूबर में भारत सरकार ने सुरक्षा बलों को पोस्टल बैलट की जगह इलेक्ट्रॉनिक वोटिग का अधिकार दी है, लेकिन अप्रवासी भारतीयों पर इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है।
इसके अलावा प्रॉक्सी वोटिंग का भी प्रावधान देने पर भी विचार चल रहा है। अभी ये सुविधा सिर्फ सुरक्षा बलों को दी गई है।
Source : News Nation Bureau