मतदाता सूची के फाइनल होने के बाद ही निर्वाचन आयोग दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा करेगा. मतदाता सूचियों को 6 जनवरी 2020 तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इस बारे में गुरुवार को चुनाव आयोग की बैठक में दिल्ली के सीईओ रणबीर सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पूरी कवायद से अवगत करा दिया है. सूत्रों का कहना है फिलहाल दिल्ली में 1.45 करोड़ मतदाता है. हालांकि 18 दिसंबर के इस आंकड़े के बाद मतदाता सूचियों में नए मतदाताओं के नाम जोड़ने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
गौरतलब है कि दिल्ली में मौजूदा अरविंद केजरीवाल सरकार का कार्यकाल फरवरी 2020 में खत्म हो जाएगा. ऐसे में राजधानी में विधानसभा चुनाव की तारीखों पर निर्णय लेने के लिए गुरुवार को निर्वाचन आयोग की बैठक हुई थी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और निर्वाचन आयुक्त- अशोक लवासा और सुशील चंद्र अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के पहले दौर में मौजूद रहे.
इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव नागरिकता कानून और एनसीआर के खिलाफ हुए हिंसक धरना-विरोध प्रदर्शनों के बीच हो रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक पंडितों को लग रहा है कि स्थानीय मसलों के बजाय राष्ट्रीय मुद्दे विधानसभा चुनाव पर हावी रह सकते हैं. एक अंदाजा यह भी है कि नागरिकता कानून पर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद दिल्ली में मतदाता हिंदू-मुस्लिम खेमों में साफतौर पर बंट गए हैं. यही वजह है कि इस बार विधानसभा चुनाव में धर्म का कार्ड जमकर खेला जाएगा. खासकर जामिया हिंसा और सीलमपुर हिंसा के बाद सामने आई खुफिया रिपोर्ट की हिंसा बाहर से आए लोगों ने फैलाई, ने आम लोगों को दो धड़ों में बांटने का काम किया है.
Source : News Nation Bureau