2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के इस विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में बुधवार को पांच राज्यों के आए एग्जिट पोल में बीजेपी को पंजाब में छोड़कर हर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर दिखाया जा रहा है।
अगर आज आने वाले चुनाव परिणाम में एग्जिट पोल के आंकड़े सीटों में बदल जाते हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि ये 2014 के बाद बीजेपी की सबसे बड़ी जीत होगी। सभी चैनलों के एग्जिट पोल के औसत को देखें तो यूपी में बीजेपी को 216 सीटे से भी ज्यादा मिल सकता है। अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर ब्रैंड मोदी की छवि और मजबूत होगी।
राजनीतिक तौर पर देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में अगर बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिलती हैं, जैसा कि एग्जिट पोल में दावा किया गया है तो इसका सीधा क्रेडिट पीएम नरेंद्र मोदी को जाएगा। इसे बीजेपी की नहीं नरेंद्र मोदी की जीत मानी जाएगी।
यहां यह जान लेना जरूरी है कि इसी मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी ने महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, और जम्मू कश्मीर में अपनी सरकार बना ली थी। जहां सीएम पद का उम्मीदवार तक बीजेपी ने घोषित नहीं किया था।
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नरेंद्र मोदी की हार भी हुई
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही बीजेपी पहली बार असम में सरकार बनाने में कामयाब रही। हालांकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बीजेपी को दिल्ली और बिहार में बुरी तरह हार का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन पिछले तीन सालों में हुए विधानसभा चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव में ज्यादातर जगहों पर बीजेपी ने सफलता भी हासिल की है।
मोदी की लोकप्रियता को भुनाते हुए बीजेपी ने यूपी के सात चरणों में होने वाले चुनाव में करीब-करीब हर क्षेत्र में सिर्फ पीएम मोदी की रैली करवाई।
चुनाव के आखिरी चरण में पूर्वाचल के करीब 40 सीटों पर बीजेपी को बढ़त दिलाने के लिए मोदी ने लगातार तीन दिनों तक अपने संसदीय क्षेत्र में रोड शो किया। मोदी के नेतृत्व में बीजेपी पहली बार केरल विधानसभा चुनाव में अपना खाता खोल पाई और 10 फीसदी वोटों पर भी कब्जा किया।
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2014 का इतिहास दोहराएगी बीजेपी
2014 में नरेंद्र मोदी खुद यूपी के वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे और पूरे देश में प्रचार की कमान भी संभाल रखी थी। किसी ने सोचा भी नहीं था कि चुनाव में बीजेपी यूपी में अपने पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ देगी।
बीजेपी ने तब यूपी के 80 लोकसभा सीटों में से 71 सीटों पर जोरदार जीत हासिल की और पार्टी को करीब 42.3 फीसदी वोट भी हासिल हुए। इस चुनाव में भी पीएम मोदी पर पिछले परिणाम को दोहराने का जबरदस्त दबाव है। साल 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी में 50.04 फीसदी वोट हासिल किए थे। इसके बाद बीजेपी ही दूसरी ऐसी पार्टी है जिसको राज्य में इतने वोट मिले थे।
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बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी समेत सभी पार्टियों ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की जबरदस्त आलोचना की थी और इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था। राहुल गांधी करीब हर रैली में यह कहते हुए दिख रहे थे कि क्या मोदी ने आपको लाइन में खड़ा नहीं कर दिया।
लेकिन अगर एग्जिट पोल के ये आंकड़े सीटों में तब्दील हो जाते हैं तो निश्चित तौर माना जाएगा कि नोटबंदी के फैसले को यूपी समेत अन्य राज्यों की जनता ने उन्हें अपना समर्थन दिया है।
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Source : Kunal Kaushal