कोरोना वायरस के मामलों से तेजी से आती कमी और चुनावी माहौल में बढ़ती सरगर्मी के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला किया है. चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों की संख्या बहाल करने का फैसला किया है. पहले एक पार्टी अधिकतम 20 स्टार प्रचारक उतार सकती थी. वहीं, अब ये संख्या बढ़ाकर 40 कर दी गई है. चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों से उनके स्टार कैपेंनर्स की लिस्ट भी मांगी है. इसके लिए 23 फरवरी तक की तारीख तय की गई है. ये दिशा-निर्देश उप-चुनावों पर भी लागू होंगे.
कोरोना के मामले हुए कम, खतरा हुआ कम!
कोरोना के मामलों में कमी का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग ने स्टार प्रचारकों की उस संख्या को बहाल कर दिया है. अब मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियां अधिकतम 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार सकती हैं. अन्य पार्टियां जो पंजीकृत हैं, लेकिन मान्यता प्राप्त नहीं हैं, वो अब 20 स्टार प्रचारकों को प्रचार के लिए उतार सकती हैं.
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है, 'कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों और नये मामलों की संख्या घट रही है और केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है. निर्वाचन आयोग ने उचित विचार-विमर्श के बाद स्टार प्रचारकों की संख्या की अधिकतम सीमा बहाल करने का निर्णय लिया है. अब मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर के राजनीतिक दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या की अधिकतम सीमा 40 होगी और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अलावा अन्य के लिए यह 20 होगी.' चुनाव आयोग के इस पत्र में आगे लिखा है कि मणिपुर विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों, उत्तर प्रदेश चुनाव के चरण 5, 6 और 7 और असम में माजुली विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए अतिरिक्त स्टार प्रचारकों की सूची निर्वाचन आयोग या संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी को 23 फरवरी की शाम पांच बजे तक सौंपी जा सकती है.'
अक्टूबर में चुनाव आयोग ने घटा दी थी संख्या
चुनाव आयोग ने अक्टूबर 2020 में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर के दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या 40 से घटाकर 30 कर दी थी, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में उपचुनावों के प्रचार के दौरान काफी भीड़ देखी गई थी.
Source : News Nation Bureau