अक्टूबर में राज्यसभा (Rajya Sabha) की सात सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं. गुरुवार को इसकी घोषणा के साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) समेत कांग्रेस में समीकरण बैठाने की मुहिम तेज हो गई है. हालांकि अगर आंकड़ों की मानें तो इन सात में दो सीटों पर बीजेपी की जीत पक्की है. बीजेपी के सापेक्ष कांग्रेस (Congress) में दो सीटों यानी तमिलनाडु और महाराष्ट्र के लिए रार तेज हो गई है. इन सात सीटों में से छह के लिए उपचुनाव होगा, जबकि पुडुचेरी की एक सीट पर चुनाव होगा. पांच सीटें विभिन्न सांसदों के इस्तीफे और एक सीट कांग्रेस के राजीव सातव के निधन से रिक्त हुई है. राज्यसभा की इन सीटों के लिए चार अक्टूबर को मतदान होगा. विश्लेषकों की मानें तो अगर सीटों के बराबर ही उम्मीदवार रहे, तो 27 सितंबर को नाम वापसी के बाद ही निर्वाचित सदस्यों की घोषणा कर दी जाएगी. राज्यासभा की आधा दर्जन सीटों में से तमिलनाडु की दो और पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश की एक-एक सीट शामिल है.
इस तरह खाली हो रही हैं सात सीटें
मध्य प्रदेश में उपचुनाव की वजह बना है थावरचंद गहलोत का राज्यपाल के पद पर नियुक्त होना. यहां पर भाजपा की सरकार है और उसका ही उम्मीदवार चुना जाना तय है. असम में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के बिस्वजीत दैमारी के बीजेपी में शामिल से सीट खाली हुई है. यहां से भाजपा केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को ला सकती है. पश्चिम बंगाल में टीएमसी के मानस रंजन भूनिया के इस्तीफे से सीट खाली हुई है. इस सीट पर भी टीएमसी की जीत तय है. तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक के केपी मुनुस्वामी और आर वैथिलिंगम के इस्तीफे से सीटें खाली हुई है. राज्य में द्रमुक सरकार के बहुमत में होने से इन दोनों सीटों पर उसका ही कब्जा तय है. पडुचेरी की एक राज्यसभा सीट पर एन गोकुलकृष्णन का कार्यकाल खत्म होने से चुनाव होंगे. इस सीट पर चुनाव में सत्तारूढ़ राजग गठबंधन का उम्मीदवार चुना जाएगा. महाराष्ट्र में कांग्रेस के राजीव सातव के निधन से खाली हुई सीट पर सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस को ही सफलता मिलेगी. यह सीट अघाड़ी कांग्रेस को मिल सकती है, लेकिन यह फैसला अघाड़ी को करना होगा.
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कांग्रेस के लिए एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति
महाराष्ट्र से राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, मिलिंद देवड़ा, संजय निरुपम और प्रमोद तिवारी समेत कई नेता मैदान में हैं, जबकि तमिलनाडु से सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मैदान में हैं. प्रवीण चक्रवर्ती के पक्ष में जो कांग्रेस पार्टी के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष हैं. सूत्रों का कहना है कि द्रमुक एक गैर राजनीतिक व्यक्ति को उच्च सदन में भेजने के विचार के खिलाफ है, जबकि गुलाम नबी आजाद के द्रमुक नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध हैं. प्रमोद तिवारी एक बेहतर नाम हैं, वह प्रियंका गांधी से अपनी निकटता पर भरोसा कर रहे हैं और उच्च सदन चुनाव के लिए नामांकित होने के इच्छुक हैं. महाराष्ट्र से कांग्रेस के पास तीन नेताओं के साथ एकमात्र सीट है. इसके उलट दावेदार मुकुल वासनिक अनुसूचित जाति से हैं, उन्होंने फैसला नेतृत्व पर छोड़ दिया है, जबकि मिलिंद देवड़ा जो कभी राहुल गांधी के करीबी थे पर भी विचार किया जा रहा है और मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम का नाम है.
HIGHLIGHTS
- राज्यसभा की इन सीटों के लिए चार अक्टूबर को मतदान
- मध्य प्रदेश और असम से बीजेपी प्रत्याशी की जीत तय
- कांग्रेस के लिए महाराष्ट्र और तमिलनाडु बना नाक का बाल