महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की कुर्सी पर मंडराता खतरा अब खत्म हो गया है. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने महाराष्ट्र में विधान परिषद (MLC) के चुनाव कराने की अनुमति दी है. महाराष्ट्र में विधान परिषद (MLC) की 9 सीटों पर 21 मई को मुंबई में चुनाव होंगे. निर्वाचन आयोग के इस फैसले से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए वाया विधान परिषद, विधायक बनने का रास्ता साफ हो जाएगा.
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निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र में विधान परिषद की रिक्त सीटों पर आवश्यक दिशानिर्देशों के साथ चुनाव कराने को अनुमति दी है. आयोग ने कोरोना संकट के मद्देनज़र चुनाव कराने पर लगाई गई पाबंदी में विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए ढील देने का फैसला किया है. आयोग का कहना है कि कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए चुनाव के दौरान आवश्यक दिशानिर्देशों को सुनिश्चित करना होगा.
संविधान के मुताबिक, उनके लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है, क्योंकि उनकी अनिवार्य समयसीमा इस महीने के अंत में समाप्त हो रही है. अब ठाकरे के लिए वाया विधान परिषद, विधायक बनने का रास्ता साफ हो जाएगा.
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कोरोना संकट के कारण विधान सभा की किसी सीट पर उपचुनाव संभव नहीं होने के कारण ठाकरे ने राज्यपाल कोटे की विधान परिषद सीट पर उन्हें मनोनीत करने का कोश्यारी से अनुरोध किया था. राज्य विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की दो सीट सुरक्षित हैं. हालांकि राज्यपाल ने ठाकरे को मनोनीत करने के बजाय आयोग से विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने का अनुरोध किया. जिसके बाद उद्धव ठाकरे के राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने की संवैधानिक अनिवार्यता को देखते हुए आयोग ने यह फैसला किया है.
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