माकपा ने राजनीति दलों के चंदा जुटाने के लिये शुरू की गयी चुनावी बॉंड की व्यवस्था पर सरकार को घेरते हुये शुक्रवार को कहा है कि यह राजनीतिक भ्रष्टाचार को जायज बनाने का तरीका है. माकपा पोलित ब्यूरो ने चुनावी बॉंड पर रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध को सरकार द्वारा कथित तौर पर दरकिनार करने और इस बारे में संसद को गलत जानकारी देने संबंधी मीडिया में आयी खबरों के हवाले से कहा कि चुनावी बॉंड से सत्ताधारी दल को गोपनीय तरीके से जो बेतहाशा वित्तीय लाभ हुआ है, उसे कानून की नजर में घोटाला माना जायेगा.
पार्टी ने कहा कि इससे एक बार फिर साबित हो गया है कि कानून बनाकर शुरू किये गये भ्रष्टाचार को तत्काल प्रभाव से बंद करना होगा. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट कर कहा, ‘चुनावी बॉंड को बंद किया जाये. इन बॉंड के माध्यम से राजनीतिक भ्रष्टाचार को जायज बनाया गया है और इनसे जुटाई गयी इस राशि से पीएम मोदी के निर्देश पर नियमों को ताक पर रखकर जनप्रतिनिधियों की खरीद फरोख्त हुयी.’
येचुरी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा, ‘जब कभी भी भाजपा को पैसे की जरूरत महसूस हुयी तब सरकार अपने ही बनाये नियमों का उल्लंघन कर ये बॉंड जारी कर देती है. माकपा पोलित ब्यूरो ने भी चुनावी बॉंड की व्यवस्था को खत्म करने की मांग करते हुये कहा कि भारतीय लोकतंत्र के हित और चुनाव प्रक्रिया की शुचिता को ध्यान में रखते हुये चुनावी बॉंड को तत्काल प्रभाव से निष्प्रभावी घोषित करना चाहिये.
Source : भाषा