Electoral Bond: देश में लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर माहौल काफी गर्माया हुआ है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भारतीय स्टेट बैंक ( SBI ) ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड संबंधी पूरा डाटा उपलब्ध करा दिया है. एसबीआई से जानकारी मिलते ही चुनाव आयोग ने पूरा रिकॉर्ड अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने SBI को एक बार फिर से नोटिस जारी किया है. आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को लेकर चुनाव आयोग की तरफ दाखिल याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने एसबीआई को नोटिस जारी कर इलेक्टोरल बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जमा रिकॉर्ड को कल यानी 16 मार्च शाम 5 बजे तक चुनाव आयोग को सौंपे.
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#WATCH | Delhi: Advocate Prashant Bhushan says, "The court raised the issue of the information submitted by the SBI to the ECI about the particulars of the bonds. They said that this information did not include the alphanumeric number of the bonds so therefore they have not given… pic.twitter.com/UTAqx3IQ62
— ANI (@ANI) March 15, 2024
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने वेबसाइट पर अपलोड किए जाने वाले डेटा को वापस करने के ईसीआई के अनुरोध को अनुमति दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एपेक्स अदालत के रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल यह सुनिश्चित करें कि दस्तावेजों को स्कैन और डिजिटल किया जाए और एक बार प्रक्रिया पूरी होने के बाद मूल दस्तावेजों को ईसीआई को वापस दे दिया जाएगा और वह इसे 17 मार्च को या उससे पहले वेबसाइट पर अपलोड कर देगा.
Electoral Bonds | Supreme Court allows the request of ECI to return the data for being uploaded on the website.
Supreme Court says Registrar Judicial of the apex court to ensure that documents are scanned and digitised and once the exercise is complete the original documents… pic.twitter.com/W7rOJVPNDp
— ANI (@ANI) March 15, 2024
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दरअसल, सीजीआई चंद्रचूड़ ने कहा कि एसबीआई को आदेश दिया गया था कि वो इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा संबंधी पूरी जानकारी साझा करे, लेकिन आपने पूरा डेटा डिस्कोलज नहीं किया. शीर्ष अदालत ने पूछा कि हमारे आदेश के बावजूद बॉन्ड का यूनिक नंबर शेयर क्यों नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है. चुनावी बांड पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि जैसे 2जी मामले में एसआईटी बनाई गई थी, वैसे ही इस मामले की जांच के लिए भी एसआईटी गठित की जानी चाहिए.अब हमें यह देखना है कि कानून इसे किस तरह से देखता है...यह भी पता लगाना चाहिए कि पीएम-केयर्स में किसने दान दिया. यह जांच का विषय है कि किस पार्टी को कितना फंड मिला."
Source : News Nation Bureau