Advertisment

भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: 5 लोगों की गिरफ्तारी पर बोली SC, लोकतंत्र में असहमति के लिए भी जगह

सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद पुणे पुलिस के सूत्रों ने दावा किया है कि गिरफ्तारियां ऐसे सबूतों के आधार पर की गई हैं, जिनसे पता चलता है कि आरोपी 'बड़ी साज़िश' रच रहे थे।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: 5 लोगों की गिरफ्तारी पर बोली SC, लोकतंत्र में असहमति के लिए भी जगह

समाजिक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन (पीटीआई)

Advertisment

इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य कार्यकर्ताओं ने वरवर राव, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा, वर्णन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज की गिरफ़्तारियों के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बता दें कि इन सभी को महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद पुणे पुलिस के सूत्रों ने दावा किया है कि गिरफ्तारियां ऐसे सबूतों के आधार पर की गई हैं, जिनसे पता चलता है कि आरोपी 'बड़ी साज़िश' रच रहे थे। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि साज़िश क्या थी?

Live Updates:

# पुणे कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि गिरफ्तार किए गए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को घर भेजें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अदालत का फैसला

# कोर्ट से सभी पांच को राहत। नहीं जाना होगा जेल।

# सभी हाउस अरेस्ट रहेंगे यानि अपने अपने घर रह रहेंगे।

# अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।

# सुप्रीम कोर्ट ने पांचो आरोपियों को 5 सितम्बर तक हाउस अरेस्ट रखने का निर्देश दिया है।

# केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने कहा, पुलिस के मनोबल को तोड़ना ठीक नहीं है। भीमा कोरेगांव हिंसा हमारे देश और संविधान के लिए गंभीर झटका है। देश के अंदर सांप्रदायिक सौहाद्रता को ख़राब करने की कोशिश की जा रही थी जो अब सबके सामने आ गया है इसलिए पुलिस ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है। अगर किसी को लगता है कि पांचो आरोपी निर्दोष हैं तो वह कोर्ट जा सकते हैं और वहां से बेल ले सकते हैं।

# सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'असहमति लोकतंत्र का सुरक्षा कवच है। अगर लोकतंत्र में असहमति स्वीकार्य नहीं हुआ तो प्रेशर कुकर फट जाएगा।' 
# सुप्रीम कोर्ट पांचो आरोपियों की गिरफ्तारी के खिलाफ रोमिला थापड़, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे और अन्य की दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

# लालू ने कहा कि देश तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है। सभी पांच बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी दर्शाता है कि देश अपाताकाल की तरफ बढ़ रहा है और मैं इसकी निंदा करता हूं।

बता दें कि हैदराबाद में तेलुगू कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, फरीदाबाद में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के आवासों में तकरीबन एक ही समय पर तलाशी ली गयी। जिसके बाद सभी लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया।

वहीं गौतम नवलखा के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को कम से कम कल (बुधवार) शाम तक दिल्ली से बाहर नहीं ले जाने का आदेश दिया।

पुलिस के मुताबिक इस लड़ाई की 200 वीं वर्षगांठ मनाए जाने से एक दिन पहले 31 दिसंबर को एल्गार परिषद कार्यक्रम में दिए गए भाषण ने हिंसा भड़काई। वहीं, मंगलवार का घटनाक्रम जून में की गई छापेमारी के ही समान है जब हिंसा की इस घटना के सिलसिले में पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।

एल्गार परिषद के सिलसिले में जून में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में एक के परिसर में ली गई तलाशी के दौरान पुणे ने एक पत्र बरामद होने का दावा किया था, जिसमें राव के नाम का जिक्र था। विश्रामबाग थाने में दर्ज एक प्राथमिकी के मुताबिक इन पांच लोगों पर माओवादियें से करीबी संबंध रखने का आरोप है।

राव को हैदराबाद में गांधी नगर स्थित उनके आवास से पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने इससे पहले उनकी दो बेटियों के आवासों की भी तलाशी ली।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राव की दो बेटियों और एक पत्रकार सहित अन्य के आवासों में पुलिस टीम ने तलाशी ली।

पुलिस उपायुक्त (मध्य क्षेत्र) विश्व प्रसाद ने बताया, 'पुणे पुलिस ने हमारी मदद मांगी। हमने तलाशी करने और गिरफ्तारी में मदद के लिए स्थानीय बल मुहैया किया। उन्हें (राव को) ...एक अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट वारंट पर पुणे ले जाया जाएगा।'

इस बीच, सिविल लिबर्टिज कमेटी के अध्यक्ष गद्दम लक्ष्मण ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह बुद्धिजीवियों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है।

Gautam navlakha Bhima koregaon Elgaar Parishad Vernon Gonsalves Arun Ferreira elgaar parishad activists arrested Sudha Bharadwaj arrested Varavara Rao arrested elgaar parishad event
Advertisment
Advertisment
Advertisment