मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए महाभियोग को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की तरफ से खारिज किये जाने का वरिष्ठ कानूनी जानकारों ने स्वागत किया है।
वरिष्ठ कानूनी जानकार सोली सोराबजी ने कहा है कि वेंकैया नायडू के फैसले के खिलाफ कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट में सफलता नहीं मिलेगी।
नायडू के फैसले के खिलाफ विपक्ष के सुप्रीम कोर्ट जाने से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने कहा, 'उनकी याचिका सफल होगी ऐसा मुझे नहीं लगता।'
उन्होंने कहा, 'उप राष्ट्रपति ने अपने विवेक का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कानूनी जानकारों से सलाह ली और एक फैसला लिया है। हम नहीं चाहते कि ये मसला लटका रहे... उन्होंने इसमें कोई आधार नहीं पाया इसलिये प्रस्ताव को खिराज कर दिया।'
वहीं एक और वरिष्ठ कानूनी जानकार फाली एस नरीमन ने कहा कि विपक्ष के प्रस्ताव को उप राष्ट्रपति ने खारिज कर ठीक किया है। क्योंकि इसमें कोई 'वजन या आधार' नहीं था।
उन्होंने कहा, 'सिर्फ वो ही एक वैधानिक व्यक्ति हैं जो ये फैसला ले सकते हैं और मेरे विचार से उन्होंने सही फैसला लिया है। महाभियोग प्रस्ताव में जो भी आधार बनाया गया वो संतोषजनक नहीं था।'
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उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जैसा शख्स हो, तो फिर इसमें (महाभियोग प्रस्ताव) कुछ महत्वपूर्ण होना चाहिये ये कहना ठीक नहीं होगा कि उन्होंने ये नहीं किया और वो नहीं किया। उपराष्ट्रपति ने प्रस्ताव खारिज करके सही फैसला लिया है।'
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस संस्था का अपमान कर रही है। ये दीपक मिश्रा की बात कर रहे हैं लेकिन मैं सुप्रीम कोर्ट के बारे में सोच रहा हूं। ये एक संस्था है जिसे अपमानित किया जा रहा है। मुझे दुख है कि मेरे जीते जी ये हो रहा है। मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी।'
कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष में शामिल सात दलों के 64 राज्यसभा सदस्यों ने शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश को कथित तौर पर कदाचार के पांच आरोपों के अधार पर हटाने के लिए उनपर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव सौंपा।
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Source : News Nation Bureau