समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने के लिये पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को पत्र लिखा था।
जया जेटली ने ये आरोप अपनी अत्मकथा 'लाइफ अमॉन्ग द स्कॉर्पियन्स: मेमॉयर्स ऑफ एन इंडिय़न वुमन इन पब्लिक लाइफ' में लगाया है और साथ ही उन्होंने किताब में उन्होंने सोनिया गांधी की लिखी एक चिट्ठी भी संलग्न की है।
एएनआई न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक किताब में जया जेटली ने अपनी किताब में दावा किया है सोनिया गांधी और तहलका न्यूज़ साइट के बीच सांठगांठ का भी आरोप लगाया है खासकर 'ऑपरेशन वेस्टएंड' मामले में।
जया जेटली ने एएनआई से कहा, 'मैंने अपनी किताब में इस पत्र को मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों के पीछे की सच्चाई दिखाने के लिये लगाया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मैं गलत लोगों से मिली और पैसे के बदले उन्हें सहायता देने की बात की थी। वो गलत लोग फर्जी थे। ना ही मैंने उन्हें कोई भरोसा दिया था और न ही पैसे की बात की थी। मैं पिछले 9 साल से कोर्ट के चक्कर लगा रही हूं।'
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भ्रष्टाचार के मामले में जया जेटली के खिलाफ पिछले 9 साल से अदालत में सुनवाई चल रही है। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि जेटली ने साल 2001 में 2 लाख रुपये का घूस लिया था।
उन पर आरोप है कि पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को वेस्ट एंड कंपनी को थर्मल इमेजर्स के कॉन्ट्रैक्स दिलाने के लिये मना लेंगी।
एक स्टिंग 'ऑपरेशन वेस्टएंड' में आई जानकारी के आधार पर साल 2000 में मामला दर्ज किया गया था। स्टिंग ऑपरेशन में रक्षा मसौदों को लेकर चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करने किया गया था।
एएनआई के मुताबिक जया जेटली ने अपनी किताब में तीन पत्रों को शामिल किया है। तहलका डायरेक्टर्स का एक पत्र और तहलका फाइनेंसर्स- फर्स्ट ग्लोबल डायरेक्टर्स का सोनिया गांधी को लिखा गया पत्र और तीसरा पत्र सोनिया गांधी का है जो इस मामले में पी चिदंबरम को लिखा गया था।
एएनआई के अनुसार किताब में इस बात के संकेत दिये गए हैं कि सोनिया गांधी ने तहलका के फाइनेंसर्स को बचाने के लिये पी चिदंबरम पर दबाव भी बनाया था।
जेटली ने कहा, 'मैने पत्र को इस तरह से लगाया है ताकि ये पता चले कि कोई प्रधानमंत्री से भी ऊपर है। उसने वित्त मंत्री को इस समस्या के बारे में पत्र लिखा, जिसे तुरंत हल किया गया। जो कि बिलकुल सच है और मुझ पर लगे आरोपों की तरह गलत नहीं।..... तहलका को पैसा देने वाले को बचाने के लिये ऐसा किया गया, कही कुछ तो है।'
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ये पत्र यूपीए के सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद ही लिखा गया था, जिस दौरान सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री का पद ठुकरा दिया था और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने।
जेटली ने कहा, 'सरकार में बिना किसी आधिकारिक पद के सोनिया गांधी का वित्त मंत्री को पत्र लिखना बताता है कि उनके पास कितनी ताकत थी... हालांकि आधिकारक कामों में देरी होती है, लेकिन इस मामले में तुरंत कार्रवाई हुई और पांच दिन में ही कार्रवाई की गई। जैसे यही एक काम करना था सत्ता में आने के बाद।'
जया जेटली के इस आरोप पर कांग्रेस के नेता और पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि एनडीए-बीजेपी सरकार ने तहलके के खिलाफ अभियान चला रखा था ऐसे में यूपीए का हस्तक्षेप ज़रूरी हो गया था।
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Source : News Nation Bureau