प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि फेमा के तहत प्राधिकारी ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गुर्गे व उसके दो सहयोगियों को हवाला मामले में संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया है. यह मामला आतंकी वित्त पोषण से जुड़ा है, जिसमें 15 लाख का जुर्माना लगाया गया है. बुधवार के आदेश में संदिग्ध एलईटी सदस्य मोहम्मद अयूब मीर, उसके सहयोगी बेच राज बेंगानी व हरबंस सिंह को क्रमश: पांच लाख, सात लाख व 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. प्राधिकारी ने 17 साल पुराने आतंकवादी वित्तपोषण मामले में 7 लाख रुपये नकद भी जब्त करने का आदेश दिया. ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफईएमए) ने एक जांच शुरू की.
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यह जांच तीन आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस से प्राप्त एक रिपोर्ट के आधार पर शुरू की गई. दिल्ली पुलिस ने 2 जुलाई 2002 को मीर को सिंह से सात लाख रुपये का हवाला भुगतान प्राप्त करने के दौरान गिरफ्तार किया. सिंह ने यह भुगतान आतंकवादी संगठन एलईटी के लिए किया. ईडी ने कहा कि मीर, एलईटी का एक सक्रिय सदस्य था और वह जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के लिए वांछित था.अपने बयान में ईडी ने कहा कि मीर ने कबूल किया है. उससे जब्त किए गए सात लाख रुपये हवाला धन थे. इसमें कहा गया, "मीर ने एलईटी से अपने संबंधों को भी कबूल किया है."सिंह, बेंगानी के चालक के तौर पर काम कर रहा था. वह अपने नियोक्ता के निर्देश पर मीर बेंगानी को नकदी की आपूर्ति करता था. बेंगानी हवाला कारोबार में शामिल था.
Source : IANS