प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस्लामिक प्रचारक डॉ जाकिर नाइक के सहयोगी आमिर गजदार के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग के आरोप में मामला दर्ज किया है। ईडी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पिछले वर्ष डॉ जाकिर नाइक के संगठन 'इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन' के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
ईडी ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा, 'जाकिर नाइक और उनके सहयोगियों पर गैर-कानूनी गतिविधियों और उकसाऊ बयानों के जरिए देश के विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच नफरत और शत्रुता भड़काने का आरोप है। उनके बेहद उत्तेजक भाषणों और व्याख्यानों ने देश के मुस्लिम समुदाय के कई युवाओं को गैर-कानूनी वारदातों और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए उकसाया।'
सरकार की ओर से 17 नवंबर 2016 को जारी आदेश के तहत इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को गैर-कानूनी संगठन घोषित कर दिया गया है।
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ईडी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि जाकिर नाइक ने आपराधिक गतिविधियों के संचालन के लिए कई फर्जी कंपनियां बना रखी थीं। गजदार नाइक द्वारा स्थापित कम से कम छह कंपनियों का निदेशक है।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि गजदार लगातार नाइक के संपर्क में था। नाइक के इशारे पर कई गैर-कानूनी गतिविधियों में भी संलिप्त था।
ईडी ने बताया कि नाइक के बेहिसाबी 5.15 करोड़ रुपयों का नियंत्रण भी गजदार के हाथों में ही था जो नकदी में थे।
ईडी पहले ही इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की 17.45 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है।
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Source : IANS