रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर केंद्रित रही राजनाथ-ऑस्टिन की मुलाकात

भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ रक्षा सहयोग जारी है, जिसमें भारत को रक्षा उपकरणों के आयात के लिए 20 अरब डॉलर का रक्षा समझौता भी शामिल है.

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Nihar Saxena
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Rajnath Singh Llyod Austin

भारत-अमेरिका मिल कर करेंगे अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन (llyod Austin) के बीच शनिवार को हुई द्विपक्षीय बैठक रक्षा सहयोग, सूचना सेवाओं के आदान-प्रदान, सैन्य साझाकरण, रक्षा के उभरते हुए क्षेत्रों में सहयोग के विस्तार एवं आपसी लॉजिस्टिक सपोर्ट पर केंद्रित रही. सिंह ने बैठक के बाद कहा कि रक्षामंत्री ऑस्टिन और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ हमारी व्यापक और फलदायी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने रक्षामंत्री ऑस्टिन और उनके शिष्टमंडल के साथ व्यापक और उपयोगी चर्चा की. हम भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं.

तीन दिवसीय दौरे पर हैं ऑस्टिन
उन्होंने यह भी कहा कि हम भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की पूर्ण क्षमता का एहसास करने के लिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं. ऑस्टिन शुक्रवार से शुरू हुई भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. यहां पहुंचने पर, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की. सिंह ने कहा कि हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय युद्धाभ्यासों की व्यापक समीक्षा की और अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान, मध्य कमान और अफ्रीकी कमान के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.

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समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का संकल्प
उन्होंने कहा, यह स्वीकार करते हुए कि हमारे पास मूलभूत समझौते एलईएमओए, सीओएमसीएएसए और बीईसीए मौजूद हैं, हमने पारस्परिक लाभ के लिए उनकी पूरी क्षमता को साकार करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर बातचीत की. मंत्री ने बताया कि क्वाड फ्रेमवर्क के तहत भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के हालिया शिखर सम्मेलन में एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के हमारे संकल्प पर जोर दिया गया. हमने तेल रिसाव और पर्यावरण संबंधी आपदाओं, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध, असूचित, अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ने आदि जैसी कुछ गैर-पारंपरिक चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता निर्माण में वृद्धि की आवश्यकता पर बातचीत की.

भारत संग मिलकर काम करने के इच्छुक
सिंह ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ हमारी सुदृढ़ रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. मैं भारत-अमेरिका संबंधों को 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारियों में से एक बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं. बैठक के बाद ऑस्टिन ने सबसे पहले इस हफ्ते की शुरुआत में एक भारतीय वायुसेना के पायलट की एक दुखद दुर्घटना में हुई मौत पर संवेदना व्यक्त की. अमेरिकी रक्षामंत्री ने कहा कि उन्होंने कई सुरक्षा मुद्दों पर एक उत्पादक चर्चा की, जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं.

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अमेरिका की प्राथमिकता में है भारत
उन्होंने कहा कि भारत, विशेष रूप से आज के तेजी से बदलती अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता के बीच एक महत्वपूर्ण भागीदार है. ऑस्टिन ने कहा कि यह अमेरिका के नए प्रशासन की विदेश नीति की प्राथमिकताओं का स्पष्ट संकेत है. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देश सहयोग के नए क्षेत्रों को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें सूचना साझा करना, लॉजिस्टिक्स सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नए डोमेन जैसे अंतरिक्ष और साइबर में सहयोग शामिल हैं.

साझा हैं कई अंतरराष्ट्रीय चुनौतियां
उन्होंने कहा कि जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों और मुक्त एवं खुली क्षेत्रीय व्यवस्था के समक्ष चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो ऐसे में समान सोच रखने वाले देशों के बीच सहयोग भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण की रक्षा के लिए अहम है. ऑस्टिन ने कहा, 'हमने क्वाड और आसियान जैसे बहुपक्षीय समूहों के माध्यम से समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ सहयोग पर भी चर्चा की.' उन्होंने कहा, आज के चुनौतीपूर्ण सुरक्षा माहौल के बावजूद, दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों- अमेरिका एवं भारत की साझेदारी लचीली और मजबूत बनी हुई है.

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20 अरब डॉलर का रक्षा समझौता
ऑस्टिन ने कहा, भारत और अमेरिका समान विचारधारा वाले देशों के साथ काम करना जारी रखेंगे और यही किसी भी चुनौती का मुकाबला करने का तरीका भी है. ऑस्टिन ने यह भी कहा कि उन्होंने भारतीय कैबिनेट मंत्रियों के साथ मानवाधिकार मुद्दों पर चर्चा की है. भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ रक्षा सहयोग जारी है, जिसमें भारत को रक्षा उपकरणों के आयात के लिए 20 अरब डॉलर का रक्षा समझौता भी शामिल है.

HIGHLIGHTS

  • तीन दिवसीय भारत दौरे पर अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन
  • भारत के साथ काम करने के लिए इच्छुक है बाइडन प्रशासन
  • रक्षा उपकरणों के आयात के लिए 20 अरब डॉलर का समझौता
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