जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu and Kashmir) गए EU के सांसदों के बारे में आप क्‍या जानते हैं? अनुच्‍छेद 370 (Article 370) पर क्‍या है उनका रुख

यूरोपियन यूनियन (European Union) के इन 27 सांसदों में से कम से कम 22 दक्षिणपंथी या धुर दक्षिणपंथी विचारधारा से आते हैं. इन सदस्यों में वे नेता भी शामिल हैं जो इटली (Italy) में परदेसियों को बसाए जाने के विरोधी हैं. इनमें से कुछ यूके (UK) में ब्रेक्जिट (Brexit) का समर्थन करते हैं तो कुछ मुस्लिम विरोधी (Anti Muslims) विचारधारा से भी आते हैं.

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Sunil Mishra
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जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu and Kashmir) गए EU के सांसदों के बारे में आप क्‍या जानते हैं? अनुच्‍छेद 370 (Article 370) पर क्‍या है उनका रुख

जम्‍मू-कश्‍मीर गए EU के सांसदों को क्‍या आप जानते हैं?( Photo Credit : https://twitter.com/PIB_India/status/1188743518199504897/photo/1)

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi), असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) समेत पूरा विपक्ष यूरोपियन यूनियन (European Union) के सांसदों के जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu and Kashmir) दौरे को लेकर मुखर हो गया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर पूछा है कि यूरोपियन यूनियन के सांसदों को जम्‍मू-कश्‍मीर जाने पर कोई रोक नहीं है तो अपने देश के सांसदों पर रोक क्‍यों? इसी तरह प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने इस बहाने बीजेपी के राष्‍ट्रवाद (Nationalism) पर तंज कसा है. असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया दी है. इस तरह यह जानना जरूरी हो जाता है कि ये कौन लोग हैं, जिन्‍हें मोदी सरकार (Modi Sarkar) ने जम्‍मू-कश्‍मीर का दौरा करने की इजाजत दी है, क्‍योंकि राज्‍य से अनुच्‍छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से यह पहला विदेशी प्रतिनिधिमंडल (Foreign Deligation) होगा, जो जम्‍मू-कश्‍मीर गया है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन 27 सांसदों में से कम से कम 22 दक्षिणपंथी या धुर दक्षिणपंथी विचारधारा से आते हैं. इन सदस्यों में वे नेता भी शामिल हैं जो इटली में परदेसियों को बसाए जाने के विरोधी हैं. इनमें से कुछ यूके में ब्रेक्जिट का समर्थन करते हैं तो कुछ मुस्लिम विरोधी विचारधारा से भी आते हैं. प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं में इटली के फल्वियो मार्तुसीलो, यूके के डेविड रिचर्ड बुल, इटली की गियाना जेनिसा, फ्रांस की जूली लिचेनटेक्स, चेक रिपब्लिक के टॉमस ज़ेकोवस्की, स्लोवाकिया के पीटर पोलाक और जर्मनी के निकोलस फेस्ट शामिल हैं.

डेलीगेशन में शामिल टॉमस ज़ेकोवस्की ने यूरोपीय संसद की पत्रिका में जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया था. उन्‍होंने लिखा था- आर्टिकल 370 हटने से राज्य में आतंकवाद को खत्म करने में मदद मिलेगी. उन्होंने बाद में यह भी दावा किया था कि इस आर्टिकल को लेकर पाकिस्तान से उन्‍हें मारने की धमकियां भी दी गईं.

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प्रतिनिधिमंडल में शामिल पोलैंड के जनप्रतिनिधि रिशर्ड सरनेस्की को यूरोपियन यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट पद से बर्खास्त कर दिया गया था. वे नाज़ी समर्थक माने जाते हैं. इटली के फल्वियो मार्तुसीलो, गियाना जेनिसा आदि कुछ नेता प्रवासियों के विरोध में आवाज़ बुलंद कर चुके हैं तो कुछ नेता इस्लाम विरोधी बताए जाते हैं.

दूसरी ओर, कांग्रेस सहित अन्‍य विपक्षी दलों ने यूरोपियन यूनियन के सांसदों के जम्‍मू-कश्‍मीर दौरे को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, एक तरफ सरकार विदेशी सांसदों को कश्मीर जाने की परमिशन दे रही है, वहीं भारतीय सांसदों को एयरपोर्ट से लौटा दे रही है. महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा, 'विदेशी सांसदों का ये दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब कश्मीर में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होनी हैं, जिसमें 60 हजार बच्चे शामिल होंगे. सरकार इसे नॉर्मल बता रही है.'

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इन नेताओं के अलावा, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी, सीपीआई नेता सीताराम येचुरी सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'यूरोपीय संसद के सांसद जो इस्लामोफोबिया के शिकार हैं, कश्मीर दौरे के लिए उनका चुनाव किया गया है. ऐसे लोग मुस्लिम बहुल घाटी जा रहे हैं.' ओवैसी ने दल में शामिल सांसदों को नाजी लवर भी बताया है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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