कोरोना महामारी से निपट भी नहीं पा रहे, अब ब्लैक फंगस बरपा रहा कहर

लगभग पूरे देश से ब्लैक फंगस लोगों को अपना शिकार बना रहा है. सभी राज्यों में यह ब्लैक फंगस तेजी से पैर पसार रहा है, जिससे सरकारें भी चिंतित है.

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Dalchand Kumar
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प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : फाइल फोटो)

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भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप थम नहीं रहा है, हालांकि संक्रमण की रफ्तार थोड़ी कम होने से राहत जरूर मिली है. कोरोना के नए मामले अब तीन लाख से नीचे आ गए हैं, मगर इस घातक संक्रमण से अभी तक देश निपट भी नहीं पा रहा है कि अब नई बीमारी ने परेशानी बढ़ा दी है. कोरोना के मरीजों पर जानलेवा ब्लैक फंगस नाम की बीमारी हमला बोल रही है. कोरोना के बीच यह बीमारी दूसरा बड़ा खतरा है. इस बीमारी की चपेट में कोरोना वायरस से मुक्त हुए लोग आ रहे हैं. लगभग पूरे देश से ब्लैक फंगस लोगों को अपना शिकार बना रहा है. सभी राज्यों में यह ब्लैक फंगस तेजी से पैर पसार रहा है, जिससे सरकारें भी चिंतित है.

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में ब्लैक फंगस बीमारी कहर बरपा रही है. आलम यह है कि राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु समेत कई राज्य ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर चुके हैं. राजस्थान सरकार ने राज्य के कई जिलों में ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि को देखते हुए 19 मई को इसे महामारी करार दिया. हरियाणा सरकार ने 18 मई को 'हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021' नामक नियम बनाए. जबकि तेलंगाना सरकार ने महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत फंगल संक्रमण म्यूकोर्मिकोसिस को एक खतरनाक बीमारी घोषित किया.

दिल्ली-एनसीआर में ब्लैक फंगस का खतरा अधिक बढ़ता रहा है. अकेले दिल्ली एम्स में ब्लैक फंगस के 80 से 100 के बीच मरीज हैं. गंगाराम अस्पताल में 6 मई को केवल 6 मामले आए थे, मगर 19 मई तक यह बढ़कर 60 हो गए. मैक्स के दिल्ली स्थित सभी सेंटरों में ब्लैक फंगस के 25 मरीज एडमिट हुए. लेडी हार्डिंग में 12, आरएमएल में 5, अपोलो में 10, आकाश हॉस्पिटल में लगभग 20 ब्लैक फंगस के मामले आए. हरियाणा में भी इस जानलेवा ब्लैक फंगस के 177 से अधिक मामले आ चुके हैं. अकेले गुरुग्राम में ही 75 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है. हरियाणा के सिरसा में इस बीमारी से 5 लोग मर भी चुके हैं.

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मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के करीब 300 मामले आ चुके हैं. राजस्थान में हजार रोगियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. बताया जाता है कि राजस्थान में तो स्थिति ऐसी बन चुकी है कि रोजाना ब्लैक फंगस के 50 से अधिक के मामले सामने आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस के 100 से अधिक मामले आ चुके हैं, जबकि कुछ मरीजों की मौत भी हो चुकी है. गुजरात को भी ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में ले लिया है. बताया जाता है कि राज्य में अब तक 900 के करीब मरीज मिले हैं. महाराष्ट्र की बात करें तो यहां कोरोना मामलों की तरह ब्लैक फंगस के मामले भी यहां सबसे ज्यादा हैं. राज्य में अब तक 2 हजार के आसपास लोग ब्लैक फंगस के शिकार हो चुके हैं. महाराष्ट्र में 90 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

दक्षिण भारत के राज्य भी इससे अछूते नहीं हैं. तेलंगाना में करीब सवा सौ केस आ चुके हैं. राज्य के सरकारी अस्पतालों में लगभग 50 और निजी अस्पतालों में 30-40 के करीब मामले हैं. तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के अन्य राज्य भी इसकी चपेट में आ चुके हैं. इसके अलावा पूर्वोत्तर में भी ब्लैक फंगस के कारण पहली मौत हो चुकी है. ब्लैक फंगस के कारण 27 वर्षीय एक व्यक्ति की कोविड से ठीक होने के बाद गुवाहाटी के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. वह व्यक्ति मध्य असम के नागांव जिले का रहने वाला था. 

HIGHLIGHTS

  • अब ब्लैक फंगस बीमारी बरपा रहा कहर
  • लगातार फैल रहा है ब्लैक फंगस रोग
  • देश के अधिकतर राज्यों में पसारे पैर
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