केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के पूर्व निदेशक एवं नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार (Ashwani Kumar) बुधवार को शिमला स्थित अपने आवास में फंदे से लटके पाये गए. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. कुमार 2008 में सीबीआई के निदेशक बने थे जब एजेंसी आरुषि तलवार हत्या मामले की जांच कर रही थी. कुमार ने विजय शंकर की जगह सीबीआई के निदेशक का पद संभाला था.
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अधिकारियों ने बताया कि कुमार बाद में नगालैंड के राज्यपाल बने थे. कुमार अभी शिमला में एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति थे. अधिकारियों ने बताया कि 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार का शव बुधवार शाम में शिमला स्थित उनके आवास में फंदे से लटका मिला.
पुलिस ने घटनास्थल से सुसाइड नोट बरामद की है, जिनमें लिखा है कि जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं. उनकी खुदकुशी की इस घटना से हर कोई हैरान परेशान है. सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से वह डिप्रेशन में चल रहे थे.
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अफसर अश्विनी कुमार नागालैंड और मणिपुर के राज्यपाल भी रहे थे. इससे पहले अश्विनी अगस्त 2006 से जुलाई 2008 तक पुलिस महानिदेशक भी थे. बाद में वह सीबीआई के निदेशक बने और फिर वह इस पद पर 2 साल से ज्यादा समय तक रहे.
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सिरमौर के नाहन है उनका जन्मस्थल
पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार का जन्म सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में हुआ था. वह आईपीएस थे और सीबीआई और एलीट एसपीजी में विभिन्न पदों पर रहे थे. वह अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच सीबीआई के डायरेक्टर पर कार्यरत थे.
अश्विनी कुमार सीबीआई के पहले ऐसे चीफ हैं, जिन्हें बाद में राज्यपाल बनाया गया था. उन्हें मार्च 2013 में नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. हालांकि, उन्होंने वर्ष 2014 में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद वह शिमला में एक निजी विवि के वीसी भी रहे. अश्विनी कुमार हिमाचल पुलिस के डीजीपी भी थे.
Source : News Nation Bureau