डेनमार्क के बाद इटली ने ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन पर अस्थाई रोक लगा दी है, जबकि कई यूरोपियन देश जिसमें फिनलैंड, आयरलैंड शामिल है शोध कर रहे हैं कि इस वैक्सीन की वजह से ब्लड क्लोटिंग तो नहीं होती, लेकिन सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल का कहना है कि अभी तक किसी भी रिसर्च की विस्तृत रिपोर्ट नहीं आई है. भारत में 80% टीकाकरण इसी वैक्सीन के जरिए किया जा रहा है, भारत में एडवर्ड्स केस बहुत कम आए है, लिहाजा टीकाकरण पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है. महामारी के दौरान कई लहर का सामना करना पड़ता है. महाराष्ट्र में भी दूसरी वेव नजर आ रही है, ऐसे में.
कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर रखना बेहद जरूरी है वरना यह आंकड़े पूरी देश के लिए चिंताजनक हो सकते हैं, लेकिन अभी तक हमारी लैबोरेट्री ने इन मामलों का जिनोम स्टडी करके यह पता लगाया है कि इन बढ़ रहे आंकड़ों के पीछे नया म्यूटेशन वाला स्ट्रेन नहीं है. गौरतलब है कि सीएसआईआर के अंतर्गत ही देश में जीनोम चढ़ी प्रमुख रूप से की जाती है. अभी तक वैश्विक रूप से यही माना जाता है कि कोरोना संक्रमण में आए म्यूटेशन के बावजूद वैक्सीन पूरी तरह से कारगर है हालांकि कई देशों में इस तरह की स्टडी चल रही है कि म्यूटेशन और नए स्ट्रेन पर वैक्सीन का प्रभाव कम हो जाता है पर निश्चित रूप से कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगा.
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राज्यों सरकारों को जारी किए गए निर्देश
ऐसे लोगों को जल्द वैक्सीन लगाने को कहा गया है. 60 साल से अधिक उम्र को पंजीकृत करने के लिए कोविन में भी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि मार्च में तीसरी श्रेणी जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोग हैं, उनका टीकाकरण किया जाएगा. 60 साल से अधिक उम्र के लोगों एवं बीमार व्यक्तियों की संख्या करीब 27 करोड़ के करीब होने का अनुमान है.
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कई राज्यों में फिर बढ़ने लगे मामले
केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बाद बिहार सरकार भी अलर्ट हो गई है. विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक के दौरान कोरोना संक्रमितों की जांच व इलाज पर नजर रखने का निर्देश दिया है. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से चिंतित महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को पुणे शहर में पाबंदी लागू करने का फैसला किया.
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प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के एक डोज की कीमत 250 रुपये
केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 250 रुपये निर्धारित की है, जो 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार, टीकाकरण एक मार्च से शुरू हो जाएगा. हालांकि इस संबंध में आधिकारिक घोषणा होने पर कीमत में बदलाव संभव है. सरकार ने फैसला किया है कि लोगों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीका लगाया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- बंद ना होने पाए कोवीशिल्ड का वैक्सीनेशन
- देश में 80% टीकाकरण इसी वैक्सीन से जारी
- भारत में एडवर्ड्स केस बहुत कम आए है