EXCLUSIVE: देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी में करीब 50 सालों तक काम करने वाले गुलाम नबी आजाद ने अपनी सियासी यात्रा को लेकर एक किताब लिखी है, जिसका नाम 'आजाद' है. आखिर आजाद लिखने के पीछे क्या मकसद है? इसे लेकर गुलाम नबी आजाद ने न्यूज नेशन से Excluaive बातचीत में खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि मेरी किताब का नाम आजाद है, क्योंकि मैं आजाद बोलता हूं. मेरे बोल आजाद हैं, बेबाकी से लिखता हूं.
डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैंने अपनी किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र किया है. अगर उस वक्त की सरकार चाहती तो बाबरी मस्जिद विध्वंस नहीं होता. नेता प्रधानमंत्री का इस्तीफा चाहते थे, लेकिन मैंने बीच का रास्ता निकाला और कहा कि वह होम मिनिस्टर का इस्तीफा होना चाहिए, लेकिन नरसिम्हा राव ने ऐसा नहीं किया. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मैंने कांग्रेस की सरकार बचाई थी. मैं नहीं होता तो नरसिम्हा राव की सरकार गिर जाती.
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी अपनी संस्कृति का अपमान विदेश में करते हैं, उनको राजनीति की एबीसीडी सीखनी चाहिए. राहुल गांधी आज लोकसभा से बाहर हैं. घर खाली हो रहा है. अगर उन्होंने ऑर्डिनेंस नहीं फाड़ा होता तो आज उनकी यह हालत नहीं होती. प्रधानमंत्री को राहुल गांधी से पूछना चाहिए था कि ऑर्डिनेंस उन्होंने क्यों फाड़ा?
राहुल गांधी के घर खाली होने के सवाल पर आजाद ने शायरी के अंदाज में कहा कि खुद अपने घरों में करते हो सुराग और दूसरों से पूछते हो कि क्यों झाकते हो... आज की कांग्रेस सोनिया गांधी के हाथ में नहीं है, मलिकार्जुन खरगे के हाथ में भी नहीं. सिकंदर नाम होने से कोई सिकंदर नहीं होता. पूरी कांग्रेस राहुल गांधी चला रहे हैं. घाटी से धारा 370 नहीं हटाया जाना चाहिए. घाटी के साथ विश्वासघात हुआ. मैं आज भी इसका विरोध करता हूं.
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उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस का अदानी मुद्दा उठाना सब दिखावा है. अदानी से कांग्रेस के संबंध हैं, कांग्रेस के उद्योगपतियों से संबंध रहे हैं. बजट सत्र का दूसरा भाग पूरी तरह धुल गया. इसमें पक्ष और विपक्ष दोनों का दोष है. मौजूदा वक्त में भारतीय जनता पार्टी चुनी हुई सरकारों को ज्यादा गिराने का काम करती है. वैसे कांग्रेस में भी पीछे नहीं रही है. कांग्रेस ने भी चुनी हुई सरकार को गिराया है. आज ईडी सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है. 2024 में कौन जीतेगा, कौन हारेगा, यह कहना मुश्किल है. नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनेंगे, यह भी कहना मुश्किल है लेकिन कांग्रेस बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकती है.