केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. न्यूज नेशन संवाददाता मोहित राज दूबे ने कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद थावरचंद गहलोत से खास बातचीत की. आइए आपको बताते हैं कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने न्यूज नेशन से क्या कुछ कहा. राज्यपाल का दायित्व संवैधानिक दायित्व है. मुझे कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और राष्ट्रपति जी को धन्यवाद देता हूं. मैं निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने पद का निर्वहन करुंगा. परिस्थितियां बदलती रहती हैं मुझे जो जो दायित्व मिला अब तक मैंने उसका निष्ठा पूर्वक पालन किया जहां तक संसदीय राजनीति की बात है.
थावरचंद गहलोत ने कहा कि मैं पहले भी खुश था, जो अभी मिला उसके लिए खुश हूं. जहां तक राजनीतिक रिटायरमेंट की बात है जो मुझे दायित्व मिलता है उसका निर्वहन करता हूं. मैं मध्य प्रदेश से आता हूं. अपनी धरती को सलाम करता हूं हिंदुस्तान की धरती को सलाम करता हूं. जहां तक कर्नाटक में चुनौती बात है कर्नाटक के गवर्नर के पद पर जो भी संवैधानिक बातें होंगी उसका निर्वहन करुंगा. कल 7 जुलाई को मैं मंत्री पद, राज्यसभा के सदस्य और पार्टी के सदस्यता से इस्तीफा दूंगा. मंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना बड़ा दायित्व मुझे सौंपा है. मैं आभार व्यक्त करता हूं. उनका आदर करता हूं. मैं विश्वास दिलाता हूं कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूंगा.
यह भी पढ़ेंःकैबिनेट विस्तार से पहले थावरचंद गहलोत बनाए गए कर्नाटक के राज्यपाल, 8 नए राज्यपाल बने
थावरचंद गहलोत को राज्यपाल बनाए जाने के बाद कर्नाटक बीजेपी के केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने नवनियुक्त राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी जिसके बाद उन्होंने न्यूज नेशन से बातचीत की. प्रहलाद जोशी ने न्यूज नेशन से बताया कि, थावरचंद गहलोत जी कर्नाटक के राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं. मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं. थावरचंद गहलोत जी संगठन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं. बहुत पुराने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं. संसदीय राजनीति में और मंत्री के तौर पर थावरचंद गहलोत जी की भूमिका शानदार रही है. सदन के भीतर और सदन के बाहर लगातार उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है मैं सकरी राजनीति में उनको मिस करूंगा.
यह भी पढ़ेंःथावर चंद गहलोत को मंत्रिमंडल से हटाने के पीछे क्या है गेम प्लान? बनाया गया कर्नाटक का गवर्नर
थावर चंद गहलोत को राज्यसभा कोटे से मंत्री बनाया गया था. भाजपा नेतृत्व ने उनको पहली बार 2012 और फिर 2018 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा था. इसके साथ ही वह भाजपा संसदीय बोर्ड के मेंबर भी हैं. क्योंकि अब उनको राज्यपाल बनाया गया है तो ऐसे में उनको राज्यसभा, केंद्रीय मंत्री और भाजपा संसदीय बोर्ड से इस्तीफा देना होगा. इस तरह से थावर के राज्यपाल बनते ही तीन जगह खाली हो जाएंगी. जिसके बाद पार्टी इन तीनों जगहों पर तीन अलग-अलग नेताओं को नियुक्त कर सकेगी. वहीं, कर्नाटक में अंदरूनी खींचतान से दो-चार हो रही भाजपा को थावर के आने से कुछ राहत की मिलने की उम्मीद है.
HIGHLIGHTS
- थावरचंद गहलोत ने न्यूज नेशन से की बात
- राज्यपाल बनने के बाद न्यूज नेशन पर पहला इंटरव्यू
- पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं तैयार रहूंगाः थावरचंद गहलोत