सुशांत सिंह राजपूत के असिस्टेंट ब्वॉय अंकित आचार्य ने न्यूज नेशन के साथ एक्सक्लूजिव बातचीत में सुशांत सिंह की जिंदगी से जुड़े कई अहम पहलुओं के बारे में बताया. अंकित ने कहा कि सुशांत भैया को मैं 3 साल से जानता हूं. वह सुसाइड नहीं कर सकते. उनका सारा काम मैं देखता था, शूटिंग से लेकर उनके GYM जाने तक का ख्याल रखता था. मैं उनके परिवार जैसा था. जब से रिया चक्रवर्ती उनकी जिंदगी में आयी तब से वह डिप्रेशन में चले गए.
एक बार मैं जब छुट्टी से आया तो वह किसी ट्रिप पर चले गए थे उस वक्त मुझे बंगले में घुसने नहीं दिया गया. अगली बार जब मैं सुशांत से मिला तो वह बाहर से आ रहे थे. मैं उनको देखकर दंग रह गया, उनके चेहरे पर जो एक मुस्कान हर वक़्त रहती थी वह नहीं दिख रही थी. मुझे उन्होंने पूछा क्या हुआ मैंने उन्हें बताया कि मेरी सैलरी बाकी है. भैया ने अकाउंटेंट को बोला इसकी सैलरी दे दो और ₹50000 ऊपर से दे दो.
मैं लगातार उनका चेहरा देख रहा था चेहरा बिल्कुल काला पड़ चुका था. आंखों के नीचे डार्क सर्कल था. वह बिल्कुल वैसे नहीं दिख रहे थे जैसे मैं उन्हें छोड़ कर गया था. वह छटपटा रहे थे, अजीब सा बर्ताव कर रहे थे, कभी मोबाइल उठाते कभी मोबाइल फेंक देते. मैं उनके नजदीक नहीं जा पाया क्योंकि मैं अपना चेक लेने आया था और स्टाफ मुझे वहां जाने नहीं देते.
मैंने सुशांत से पूछा भी कि मुझे काम से क्यों निकाला गया तब उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया उस वक्त हम लिफ्ट में थे.
अंकित ने आगे बताया कि सुशांत के साथ जितने भी पुराने लोग काम कर रहे थे उन्हें एक-एक कर रिया ने उनसे दूर कर दिया. हम सब को काम से हटा कर रिया ने हमारी जगह अपने लोगों को सुशांत के आस पास रख दिया.
मैं और अशोक सबसे ज्यादा सुशांत भैया के साथ रहे हैं वह कभी अंदर से दरवाजा बंद करके सोने नहीं जाते थे. कोई हो चाहे ना हो वह दरवाजा सिर्फ बंद कर देते थे पर कुंडी नहीं लगाते थे. मुझे यह विश्वास है कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की है.
काला जादू में नहीं था विश्वास
अंकित ने बताया कि सुशांत भैया काला जादू और पूजा पाठ में विश्वास नहीं रखते थे. वह मानते थे कि कर्म ही पूजा है. वह भोलेनाथ के भक्त थे. वह अंतरिक्ष पर हमेशा ध्यान देते थे. उन्हें जानना होता था कि मार्स पर क्या हो रहा है. चांद पर क्या हो रहा है. हमें भी वह किताब पढ़ने के लिए बोलते थे.
उनको 4:00 बजे उठाना पड़ता था इसके लिए मैं खुद 3:00 बजे उठता था. उनका टेलिस्कोप तैयार करता था. कॉफी तैयार करता था. हम साथ में गेम खेलते थे. वह कुछ ना कुछ नया सीखते रहते थे. उन्हें टेनिस खेलना और गिटार बजाना पसंद था. वह प्यार के भूखे थे.
बहन के आने पर खुश रहते थे
अंकित ने बताया कि उनकी बहन प्रियंका जब आती थीं तो वह बहुत खुश रहते थे. लेकिन जब से रिया आयी सब कुछ खत्म हो गया. ड्राइवर और चंदा मामा दूर के इन दोनों फिल्मों के समय मैं उनके साथ था. ड्राइव पहले बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली थी लेकिन बाद में ओटीपी प्लेटफार्म पर रिलीज को लेकर उनका मूड खराब था. अब सीबीआई इंक्वायरी हो रही है दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. मैं 3 साल उनके साथ था. सिद्धार्थ पीठानी अभी आया है, हम जानते हैं कि भैया कैसे थे. मैं चाहता हूं कि सीबीआई इंक्वायरी जल्द से जल्द हो.
Source : News Nation Bureau