Fin 796H फ्रेंच स्ट्रेन कोरोना संक्रमण में हुए म्यूटेशन की पहचान आरटी पीसीआर टेस्ट के जरिए भी नहीं हो पा रही है, जो गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट माना जाता है. ऐसी स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो सकती है, हालांकि फौरी तौर पर तीसरी लहर को रोकने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस समेत कई इलाकों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिना जिनोम स्टडी इस संक्रमण की पहचान करना मुश्किल है, लेकिन यह वायरस का स्ट्रेन अभी भारत नहीं पहुंचा है, इसलिए हमारे पास फर्स्ट हैंड इंफॉर्मेशन नहीं है.
बच्चों का टीकाकरण सकारात्मक प्रयोग ,लेकिन भारत में ट्रायल कि नहीं मांगी गई है अनुमति
जब तक ड्रग्स कंट्रोल जर्नल से 18 साल या 12 साल से छोटे बच्चों के लिए कोरोना वैक्सिन के ट्रायल के लिए औपचारिक रूप से अनुमति नहीं मांगी जाएगी तब तक भारत में नाबालिक बच्चों को वैक्सीन प्रयोगात्मक रूप में भी नहीं दी जा सकती, लेकिन अमेरिका की कंपनी वो मोडोरना की पहल सकारात्मक है. जिसमें 6750 बच्चों को वैक्सीन का हल्का डोज दिया जा रहा है. अगर यह सफल रहा तो लगभग पूरी आबादी को सुरक्षित किया जा सकता है ,हालांकि छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम अलग होता है, लिहाजा फिलहाल कोरोना का बच्चों पर असर बहुत कम देखने को मिला है.
नहीं कह सकते दूसरी लहर में एक लाख केस प्रतिदिन का रिकॉर्ड टूटेगा या नहीं, लेकिन महाराष्ट्र की स्थिति खतरनाक दिल्ली की भी चिंताजनक
दिल्ली में कोरोना का आंकड़ा जो 4 दिन पहले 400 से कम था अब 716 तक पहुंच गया है यानी बहुत तेज गति से ग्राफ ऊपर जा रहा है अभी भी समय है दिल्ली में उचित कदम उठाए जाने चाहिए जिससे मामले और तेजी से ना बड़े महाराष्ट्र की स्थिति बहुत खतरनाक दौर से गुजर रही है भारत के कुल 40000 मामलों में से 25000 से ज्यादा अकेले महाराष्ट्र से आ रहे हैं ऐसे में राज्य सरकार स्थानीय प्रशासन समेत पूरी व्यवस्था को मिलकर कड़ाई से काम करना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- न्यूज नेशन के साथ खास बातचीत में सामने आई चौंकाने वाली बात
- सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल शेखर मंडे ने जताई चिंता
- आरटी पीसीआर टेस्ट के जरिए भी नहीं हो पा रही फ्रेंच स्ट्रेन की पहचान